खुद मनुष्य ने अपनी भावी पीढ़ियों की जिंदगी को दांव पर लगा दिया है। दुनिया भर में चिंता की लकीरें गहरी होती जा रही हैं। सवाल ल्कुल साफ है- क्या हम खुद और अपनी आगे की पीढ़ियों को बिगड़ते पर्यावरण के असर से बचा सकते हैं? और जवाब भी उतना ही स्पष्ट- अगर हम अब भी नहीं संभले तो शायद बहुत देर हो जाएगी। चुनौती हर रोज ज्यादा बड़ी होती...
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ओजोन के लिए खतरा है लाफिंग गैस
नई दिल्ली। धरती के आवरण यानी ओजोन परत को लाफिंग गैस या नाइट्रस ऑक्साइड से सबसे ज्यादा खतरा है। एक ताजा अध्ययन में खुलासा हुआ है। पृथ्वी के ऊपरी पर्यावरण का अभिन्न अंग यह परत मानव, जानवरों, पेड़-पौधों समेत सभी चीजों को सूर्य की नुकसानदेह पराबैंगनी किरणों से बचाती है, लेकिन इस आवरण को हो रहे लगातार नुकसान की भविष्य में पृथ्वी पर रहने वाले जीवों को भारी कीमत चुकानी...
More »150 सालों में भारत से रूठ जाएगा मानसून!
गर्मी के दौरान देश भर में बारिश का दौर लाने वाला दक्षिण-पश्चिम मानसून अगले 150 वर्षों में अपना अस्तित्व खो सकता है। पुणे स्थित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ ट्रॉपिकल मीटियोरोलॉजी द्वारा किए गए नए अध्ययन में चेतावनी दी गई है कि पृथ्वी के तापमान में आ रही गर्मी के कारण अरब सागर के तापमान में वृद्धि हो रही है। इस तापमान वृद्धि के कारण भूमि और सागर के बीच के तापमान के...
More »सूचना अधिकार कानून में संशोधन होगा
नयी दिल्ली : सरकारी कामकाज में पादर्शिता और बढ़ाने के उद्देश्य से सरकार सूचना अधिकार कानून 2005 में संशोधन करने जा रही है, ताकि इस कानून में निहित कुछ अनियमितताओं को दूर किया जा सके. कार्मिक लोक शिकायत और पेंशन राज्य मंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने आज यहां आयोजित प्रशासनिक सुधार विभागों के सचिवों के सम्मेलन का उदघाटन करते हुये कहा कि इस कानून ने आम नागरिक को सशक्त बनाने तथा प्रशासन...
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