हाल ही में विश्व में प्रथम रैंकिंग प्राप्त टेनिस खिलाड़ी जोकोविच ने कहा कि पुरुष खिलाड़ियों के मैचों को दुनिया भर में महिलाओं के मैचों से ज्यादा देखा जाता है, इसलिए पुरुष खिलाड़ियों की कमाई ज्यादा होनी चाहिए। इससे पहले इंडियन वेल्स टूर्नामेंट के मुख्य कार्यक्रम अधिकारी रेमंड मूर ने कहा था कि डब्ल्यूटीए टूर पुरुष खिलाड़ियों की बदौलत ही चल रहा है। ये दोनों वक्तव्य स्त्री के प्रति पुरुषवादी...
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जो बन गए गरीब और बेसहारों के मसीहा
मनीष पाराशर, इंदौर। ज्यादातर लोग या तो अपने लिए काम करते हैं या परिवार के लिए। इस भाग-दौड़ भरी जिंदगी में कुछ लोग ऐसे भी हैं, जिन्होंने दूसरों की जिंदगी भी संवारने का जिम्मा उठा रखा है। ये कोई धनवान नहीं, बल्कि दिनभर रोड पर चलने वाले ऑटो ड्राइवर हैं। कोई बच्चों के लिए चलती-फिरती संस्कार की पाठशाला चलाता है तो कोई बेसहारा बुजुर्गों की मदद के लिए हमेशा तैयार...
More »संवेदनशील बने मुआवजे का तंत्र- योगेन्द्र यादव
राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले में किसान ओलावृष्टि का मुआवजा मांगने कलेक्टर के पास गए। मुआवजे के बदले उन्हें मिली गालियां और गिरफ्तारी की धमकियां। इसमें कुछ नई बात नहीं है। किसानों को आए दिन सरकारी दफ्तरों में अपमान झेलना पड़ता है। नई बात सिर्फ यह थी कि इस घटना का वीडियो बना और टी.वी. पर चल गया। इस बहाने देश का ध्यान रबी की फसल के नुकसान और मुआवजे की...
More »'दस साल में और बहुत सारी विधवाएं देखेंगे'- सौतिक बिस्वास
महाराष्ट्र के वाशीम ज़िले के एक गांव में रहने वाले किसान मुकुंदा वाघ ने 2009 में पहली बार कीटनाशक पीकर आत्महत्या करने की कोशिश की थी. जब वो बेहोश होकर गिर गए और उनके मुंह से झाग निकलने लगा तो उनकी पत्नी ने उन्हें देखा और अस्पताल ले गईं. उस वक़्त अस्पताल में डॉक्टरों ने उनकी जान बचा ली. लेकिन तीन साल के बाद मई 2012 में क़िस्मत ने उनका साथ नहीं...
More »दकियानूसी कैसे हो गई देशभक्ति? - गिरीश्वर मिश्र
वैश्वीकरण के दौर में देश और राष्ट्र जैसे शब्द पुराने पड़ते जा रहे हैं। अंग्रेजी का कंट्री शब्द गंवई क्षेत्र की ओर संकेत करता है। नेशन एक अमूर्त विचार है, जिसका स्वरूप उसके मानने वालों के अपने नजरिए पर ही निर्भर करता है। यह भी एक प्रचलित मत है कि नेशनलिज्म का कोई एक अर्थ नहीं होता, वह एक बहुलार्थी शब्द है जिसका उपयोग किसी भी ढंग से किया जा...
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