सही है कि पूरे बुंदेलखंड में लगभग 2 लाख 80 हजार कुओं में से अधिकतर बेकार पड़ गए हैं - या तो मरम्मत के अभाव में वे गिर गए हैं या वे सूख गए हैं- लेकिन थोड़े-से रुपए खर्च करके उन्हें फिर से उपयोग के लायक बनाया जा सकता है. मगर पंचायतों और अधिकारियों का सारा जोर नए कुएं-तालाब खुदवाने पर अधिक रहता है. एेसा इसलिए होता कि इनमें ठेकेदारों,...
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सामुदायिक सिंचाई से सपने लहलहाए
कुचायकोट [गोपालगंज, मनोज राय]। सवनहीं जगदीश गांव के कन्हैया सिंह, वीरेन्द्र सिंह, दुखी सिंह, महावीर सिंह और मंगल सिंह, ये पांच किसान हैं, जिन्होंने वर्ष 2001 में सामुदायिक सिंचाई की छोटी-सी पहल की थी। दस बरस में यह प्रयास कुछ यूं रंग लाया कि सामुदायिक सिंचाई अब कृषि विकास का 'माडल' बन चुका है। पैदावार भी अच्छी होने लगी और मानसून पर से निर्भरता भी घटी। सिंचाई व्यवस्था की इस...
More »खाद्य महंगाई पर भी पेट्रोल मूल्यवृद्धि का असर
नई दिल्ली। बीते महीने पेट्रोल के मूल्य में की गई वृद्धि और बारिश के कारण परिवहन में आई बाधा के चलते दो हफ्ते तक फिसलने के बाद फिर बढ़ गई है। तीन जुलाई को समाप्त सप्ताह के दौरान खाने-पीने की चीजों के थोक मूल्यों पर आधारित यह मुद्रास्फीति दर 12.81 प्रतिशत पर पहुंच गई। इससे पूर्व सप्ताह में यह 12.63 प्रतिशत पर थी। खाद्य मुद्रास्फीति की दर में इस बढ़ोतरी के...
More »बढ़ रहा है जनता में जनाक्रोश
नई दिल्ली [उमेश चतुर्वेदी]। महंगाई की आग के खिलाफ पाच जुलाई के भारत बंद पर कारपोरेट तरीके से मूल्याकन के जरिए भले ही लाख सवाल उठाए जा रहे हों, लेकिन यह सच है कि इस बंद ने महंगाई की आग से झुलस रहे अधिसंख्य भारतीयों के गुस्से और क्षोभ को ही अभिव्यक्ति दी है। इस क्षोभ और गुस्से का महत्व इसलिए कम नहीं हो जाता कि इससे तेरह हजार या बीस...
More »अब बोरे में कूड़े की जगह किताबें
बिक्रमगंज [रोहतास, चंद्रमोहन चौधरी]। बच्चों ने कूड़ा चुनना छोड़ दिया है। उनके बोरे में अब किताब-कापियों ने जगह बना ली है। शाम चार बजते ही सभी बच्चे जूली की राह ताकने लगते हैं। हम बात कर रहे हैं रोहतास जिले के बिक्रमगंज के महादलित टोले की। जहां स्नातक की छात्रा जूली इस टोले में शिक्षा की ज्योति जलाने में तन्मयता से जुटी है। उसके प्रयास का आसपास के टोलों में...
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