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किसानों का गुस्सा सातवें आसमान पर, अफसरों के सामने ही फाड़कर जला दिए नोटिस

रेवाड़ी. जमीन अधिग्रहण के खिलाफ रेवाड़ी के पांच गांवों के लोगों का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया। मंगलवार को आपत्ति सुनने के लिए हुडा कार्यालय में पहुंचे अधिकारियों को ग्रामीणों ने जमकर खरी-खोटी सुनाई। ग्रामीणों ने विरोध स्वरूप भूमि अधिग्रहण अधिनियम की धारा 9 के नोटिस फाडऩे के साथ आग के हवाले कर दिया।   सेक्टर 20 व 21 के लिए कालका, कोनसीवास, झांझनवास, पीवरा व मांढैया की लगभग 300 एकड़ जमीन...

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दामोदर की जीवन रेखा को चाहिए जीवन दान- उमा(धनबाद)

-आजाद भारत की प्रथम बहु-उद्देशीय नदी परियोजना दामोदर घाटी निगम पर संकट के बादल- बाढ़ जैसी भीषण प्राकृतिक आपदा को नियंत्रित करते हुए जीवन को रोशन करने के मकसद से 66 साल पहले 7 जुलाई, 1948 को अस्तित्व में आयी आजाद भारत की प्रथम बहु-उद्देशीय नदी परियोजना दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) की जीवन रेखा आज जीवन दान के लिए तरस रही है. 27 मार्च, 1948 को डीवीसी का गठन भारत के संसद...

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तीन साल बाद भी आरटीआइ एक्टिविस्ट को नहीं मिली सूचना

पटना: लोक सूचना का अधिकार (आरटीआइ) कानून को लेकर सरकार भले ही बड़े-बड़े दावे करे, मगर स्थिति है कि एक सूचना हासिल करने में आवेदक के जूते तक घिस जाते हैं. तमाम दबाव के बावजूद अपने रुख पर कायम रहने की स्थिति में उनको प्रताड़ना भी ङोलनी पड़ती है. ऐसा ही एक मामला बख्तियारपुर प्रखंड का है. आरटीआइ एक्टिविस्ट रामप्रवेश राय ने प्रखंड में लगे सोलर लाइट से जुड़ी जानकारी...

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जीपीएस से होगी माप, फिर किसान बेच पाएंगे चंबल का रेत

मुरैना। जिले में मांग के अनुरूप वैध रेत उपलब्ध नहीं है। ऐसे में जिले की मांग को पूरा करने के लिए चंबल के उस रेत की बिक्री का रास्ता निकाला गया है, जो रेत चंबल अभयारण्य सीमा के बाहर किसानों के आधिपत्य की जमीनों पर है। इस रेत को माइनिंग विभाग चिन्हित कर रहा है। यह रेत किसान रॉयल्टी अदा करने के बाद बेच पाएंगे। अंबाह, पोरसा क्षेत्र में माइनिंग...

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चुनावी चावल से लगी 5 सौ करोड़ की चपत, हर महीने मिलते रहा 35 किलो चावल

रायपुर. राज्य सरकार ने चुनाव के ठीक पहले बनाए गए जिन छह लाख राशनकार्डों को निरस्त किया है उनसे सरकार को 500 करोड़ रुपए की चपत लग चुकी है। विधानसभा चुनाव के पहले छत्तीसगढ़ खाद्य एवं पोषण सुरक्षा अधिकार कानून के तहत अभियान चलाकर ये राशन कार्ड बनाए गए थे। इन्हें सालभर तक 35 किलो चावल हर महीने दिया गया। अब सरकार ने एक सदस्य वाले इन कार्डों को अपात्र घोषित कर दिया...

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