अवसाद और तनाव की सौगात देने वाली हमारी शिक्षा व्यवस्था अब वाकई चिंतनीय हालात पैदा कर रही है। इस बाबत हाल ही में संसद में सरकार द्वारा पेश किये गए आंकड़े डराने वाले हैं। इन आंकड़ों के मुताबिक देश में हर साल 8 हजार से ज्यादा छात्र आत्महत्या कर लेते हैं। इतना ही नहीं, सफलता और आगे बढ़ने की ललक और दबाव इतना है कि मनपसंद नौकरी या पेशा न...
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किसानों के 12 लाख के धान में मारी डंडी
कोरबा। सूखे की मार झेल दाना- दाना सहेज कर किसी तरह धान खरीदी केंद्र तक पहुंच रहे किसानों को यहां भी छला जा रहा है। एक बारदाने का वजन 580 ग्राम ही निकल रहा, जबकि बारदाने के नाम पर 700 ग्राम से अधिक धान लिया जा रहा। 28 दिसम्बर तक हुई धान खरीदी के आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो 846.40 क्विंटल अधिक धान किसानों से लिया जा चुका है।...
More »लकड़ी बेचने के लिए फॉरेस्ट डिपो का उपयोग कर सकेंगे किसान
भोपाल। मप्र सरकार "पेड़ों की खेती" को अभियान के तौर पर शुरू करने की तैयारी में है। इसके लिए बकायदा नीति तैयार की जा रही है। इसमें शहरी व ग्रामीण लोगों को वानिकी से जुड़ने पर कई सुविधाएं मिलेंगी। वन विभाग के डिपो से ग्रामीण अपनी लकड़ी बेच सकेंगे और विभाग इनके लिए बाजार भी उपलब्ध कराने की व्यवस्था करेगा। सरकार का जोर बांसों की खेती को बढ़ावा देने पर...
More »धर्म, समाज और स्त्री-- सुभाष गताडे
परंपरा की दुहाई देते हुए या आस्था की बात करते हुए क्या समाज के एक हिस्से के साथ प्रगट भेदभाव किया जा सकता है? यह मसला महिलाओं के प्रार्थना-स्थल तक या उसके सबसे ‘पवित्र हिस्से' तक पहुंचने के बहाने उठता रहा है। अभी ज्यादा दिन नहीं बीते, जब महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले का शनि शिंगनापुर मंदिर हंगामे की वजह बना। पुणे के एक सामाजिक संगठन की महिलाओं ने वहां पहुंच...
More »बीतते हुए 2015 में टूटीं समृद्धि की उम्मीदें, अपेक्षा से कम आर्थिक विकास
इस बात की जरूरत है कि सरकार राजनीतिक इच्छाशक्ति से सब्सिडी में कटौती कर अधिक कुशल, बुद्धिमत्तापूर्ण तथा सतर्क कराधान के साथ-साथ उद्योग, बुनियादी ढांचे के विस्तार और आधुनिकीकरण के क्षेत्र में अधिक विदेशी प्रत्यक्ष निवेश आकृष्ट कर पूंजीगत व्यय बढ़ाये़ अर्थव्यवस्था में कुछ मामूली बेहतरी के संकेतों को छोड़ दें, तो 2015 के आर्थिक रुझान बहुत उत्साहवर्द्धक नहीं रहे हैं. वर्ष के आखिरी महीने में संसद में पेश अर्द्धवार्षिक आर्थिक...
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