वर्ष 1967 में अमेरिकी अर्थशास्त्री विलियम और पॉल पैडॉक ने कहा था कि भारत की बढ़ती आबादी से कोई उम्मीद नहीं की जा सकती, इन लोगों को केवल गुलाम बनाया जा सकता है। एक लंबे समय तक भारत के बारे में दुनिया का यही नजरिया था। बहरहाल, जैसे ही हमारी जनसंख्या ने एक अरब का आंकड़ा पार किया, एक ऐसा 'डेमोग्राफिक डिविडेंड" उभरकर सामने आया, जो कि दुनिया में किसी के...
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'नेट न्यूट्रैलिटी' है जरूरी, इंटरनेट पर क्यों हो किसी का एकाधिकार?
भारत में इंटरनेट का उपयोग करनेवालों की संख्या पिछले साल ही 35.4 करोड़ से अधिक हो चुकी थी. इसमें करीब 60 फीसदी इसका इस्तेमाल मोबाइल फोन पर करते हैं. यह संख्या लगातार बढ़ रही है. लेकिन, इंटरनेट तक सभी लोगों की पहुंच समान रूप से रहे या किसी कंपनी को अलग-अलग वेबसाइट्स के लिए अलग-अलग दरें और स्पीड तय करने का एकाधिकार मिले, इस पर इन दिनों जोरदार बहस...
More »सबसे गरम सर्दी का संदेश-- सुनीता नारायण
यह जानने के लिए हमें किसी विश्लेषक की जरूरत नहीं कि इस बार शायद अब तक की सबसे गरम सर्दी के मौसम का हम सामना कर रहे हैं। मौसम विभाग ने भी बताया है कि 21 दिसंबर से दिल्ली का अधिकतम तापमान लगातार 22 डिग्री सेंटीग्रेड के ऊपर बना हुआ है। मौसम ही नहीं, पिछले साल से इस साल के पहले महीने तक कई ऐसी घटनाएं हुई हैं, जिन्हें लेकर...
More »हाईकोर्ट-सरकार के बीच अब ऑनलाइन संवाद
रायपुर। हाईकोर्ट और सरकारी मामलों में होने वाले दस्तावेजी संवाद के कामकाज अब ऑनलाइन हो जाएंगे। सरकार ने इसके लिए 45 लाख रुपए का बजट मंजूर किया है। जल्द ही हाईकोर्ट में पदस्थ तमाम सरकारी वकीलों और विधि अधिकारियों को कंप्यूटर और इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी। महाअधिवक्ता जुगल किशोर गिल्डा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि अब तक हाईकोर्ट के तमाम सरकारी अधिवक्ताओं को बिना हाइटेक सुविधाओं के...
More »‘घर से काम’ भी है एक विकल्प-- अभिषेक कुमार
दिल्ली में पहली जनवरी से कारों के प्रवेश के लिए उनके सम-विषम नंबर को आधार बनाकर फिलहाल 15 दिनों के लिए जो फॉर्मूला लागू किया गया है, उससे बढ़ते प्रदूषण की समस्या पर कुछ लगाम लगने की संभावना जताई जा रही है। हालांकि कई निजी कंपनियों और यहां तक कि विदेशी दूतावासों की तरफ से इस बारे में यह कहकर इस पर आपत्ति की गई है कि अगर इस फॉर्मूले...
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