SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 2092

स्वान रिपोर्ट: कोविड-19 की दूसरी लहर में भी प्रवासी मजदूर बेरोजगारी, कर्ज, भुखमरी और अनेकों अनिश्चितताओं में जीवन यापन करने के लिए मजबूर हुए!

कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के रूप में, देश के लगभग 92 प्रतिशत श्रमिक (जिनके पास सामाजिक सुरक्षा जाल तक पहुंच नहीं है) एक ऐतिहासिक और अभूतपूर्व संकट का सामना कर रहे हैं. एक साल से भी कम समय में लगातार दूसरी बार देश में लॉकडाउन हुआ है. 20 अप्रैल, 2021 को, देश भर के 10 राज्यों में आंशिक लॉकडाउन और दिल्ली में पूर्ण लॉकडाउन लगाया गया. 8 मई, 2021...

More »

महंगाई कुछ कम होगी- 5 कारण जिनकी वजह से आपको ऊंची कीमतों के बारे में ज्यादा चिंता नहीं करनी चाहिए

-द प्रिंट,  मई में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआइ) में 6.3 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई. अप्रैल में यह वृद्धि 4.2 प्रतिशत दर्ज की गई थी. इसके कारण यह आशंका पैदा हो गई कि भारतीय रिजर्व बैंक मौद्रिक नीति को सख्त कर देगा. मई के आंकड़े को कुछ दोषपूर्ण माना जा सकता है क्योंकि यह वृद्धि मुख्यतः विश्व बाज़ार में कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि, जींसों की कीमतों में वृद्धि, और...

More »

खाद्य तेलों की बढ़ती कीमतों से गरीब और प्रवासी मजदूरों को बचाने की अनकही चुनौती!

30 मई, 2021 को राष्ट्र के नाम अपने मन की बात संबोधन में, प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने इस तथ्य की सराहना की कि किसानों को रबी उत्पादन से संबंधित "सरसों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से अधिक" प्राप्त हुआ. पीएम के इस बयान से आसानी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि हरियाणा (और अन्य जगहों) में सरसों उत्पादकों ने बेहतर कीमत पाने के लिए एपीएमसी मंडियों (राज्य...

More »

खरीफ फसलों के एमएसपी की घोषणा , मक्का के लिए 20 रुपये और धान के समर्थन मूल्य में 72 रुपये की वृद्धि

-रूरल वॉइस,  बुधवार 9 जून, 2021 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने कृषि उपज के सरकारी खरीद, सीजन 2021-22 के लिए सभी खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में बढ़ोतरी को स्वीकृति दे दी है। खरीफ की सबसे मुख्य फसल धान के एमएसपी में 72 रुपये प्रति क्विटंल की बढ़ोतरी की गई है। नये सीजन के लिए धान की सामान्य किस्म...

More »

फसल उत्पादन के बदले किसान को मिलता है केवल एक चौथाई हिस्सा: रिसर्च

-डाउन टू अर्थ, फसल कटाई के बाद किसान अपने अनाज को अलग-अलग तरीकों से मंडी या बाजार में बेच देते हैं, किसानों को अनाज का वह मूल्य नहीं मिल पाता है जिसके वे हकदार होते हैं। जबकि विभिन्न प्रसंस्करण, भंडारण, परिवहन, थोक बिक्री, खुदरा बिक्री, खाद्य सेवा और अन्य कार्य जो कृषि की पैदावार को खाद्य पदार्थों में बदलते हैं इसके बाद यह उपभोक्ताओं तक पहुंचता है, जो इसके लिए कहीं...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close