खाद्य सुरक्षा कानून संबंधी अध्यादेश पर राष्ट्रपति ने अपनी मुहर लगा दी है. अब हर नागरिक को ‘भोजन का अधिकार' हासिल करने में सरकार मददगार की भूमिका निभायेगी. हालांकि, केंद्र सरकार पिछले कई वर्षो से इस कानून को लाने की कवायद में जुटी थी, लेकिन जानकारों का मानना है कि यह फैसला चुनाव नजदीक आते देख लिया गया है. इस पूरे मामले में सरकार का पक्ष और इस कानून से किन्हें...
More »SEARCH RESULT
ऐसे तो 25 साल लगेंगे आमदनी दोगुनी होने में
नई दिल्ली [जयप्रकाश रंजन]। देश की आर्थिक विकास दर ही पिछले एक दशक के तलहटी पर नहीं पहुंची है, बल्कि इसके साथ आम जनता की कमाई पर भी गहरी चपत लगी है। सकल घरेलू उत्पाद [जीडीपी] की विकास दर के हिसाब से देखें तो वर्ष 2012-13 के दौरान प्रति व्यक्ति आय में महज तीन फीसद की वृद्धि हुई है। जबकि इसके पिछले वर्ष यह वृद्धि दर 4.7 फीसद थी। इस...
More »घर में टीवी-फ्रिज तो नहीं गरीब
आगरा, जागरण संवाददाता। टीवी और फ्रिज को जमाना अब भले ही आम जरूरत का सामान समझता हो, लेकिन सरकार ने इन वस्तुओं को हैसियत का पैमाना मान लिया है। अगर आपके पास कलर टीवी, फ्रिज या फिर दोपहिया वाहन है, तो आप सरकार की नजर में अमीर हो गए हैं। लिहाजा, ऐसे लोगों को गरीब मानकर जो सुविधाएं मिल रही थीं, अब उन पर रोक लगने जा रही है। नए आदेश...
More »अर्थशास्त्र की ऊंची मीनार से कुपोषण मिटाने की यह कवायद....
भारतीयों को विवाद-प्रिय माना जाता है और हमारी यह विवादप्रियता एक बार फिर से उठान पर है ! गरीबी-रेखा और गरीबों की तादाद के बारे में लंबे समय तक वाक्युद्ध में उलझे रहने के बाद, प्रसिद्ध अनिवासी भारतीय(एनआरआई) अर्थशास्त्रियों ने एक बार फिर से विवाद छेड़ा है कि भारत में कुपोषण का विस्तार कितना है। पहले योजना आयोग ने गरीबों की संख्या को कागजी तौर पर घटाने की कोशिश की...
More »अमीरों की समस्याएं सुलझाने में उलझीं दुनिया भर की प्रतिभाएं
वाशिंगटन। दुनिया भर की बेहतरीन प्रतिभाएं अमीरों की समस्याओं को सुलझाने में उलझी हैं। प्रधानमंत्री के सलाहकार सैम पित्रोदा ने कहा कि इसी वजह से गरीब तबके की ओर पूरा ध्यान नहीं दिया जा रहा है। उन्होंने कहा, 'हमने दुनिया भर में एक ऐसा समाज बना लिया है, जो सिर्फ अमीरों को फायदा पहुंचाने में लगा है। इसलिए उस वर्ग पर ध्यान नहीं दिया जा रहा, जिन्हें वास्तव में इसकी जरूरत...
More »