भोपाल(मध्यप्रदेश)। पीएम नरेन्द्र मोदी का डिजिटल सपना सूचना प्रौद्योगिकी में हिन्दी अनिवार्य होने के बाद ही पूरा हो पाएगा। कारण कि आज हिंदी में कई सॉफ्टवेयर उपलब्ध हैं, इसके बावजूद बैंक, बिजली विभाग, भारतीय बीमा जैसी कंपनियां आज भी हमें अंग्रेजी में बिल और पॉलिसी दे रही हैं। यह बात विश्व हिन्दी सम्मेलन में आए सी-डैक जीएसटी कंपनी के डायरेक्टर महेश कुलकर्णी ने कही। उन्होंने बताया कि केन्द्र और राज्य सरकार...
More »SEARCH RESULT
डिजिटल इंडिया-- बहुत कठिन है डगर पनघट की
अगर आप सोचते हैं कि देश के ढाई लाख पंचायतों को तेज गति के इंटरनेट से जोड़कर नागरिकों को जरुरी सेवा ऑनलाइन प्रदान करने का डिजिटल इंडिया मिशन शीघ्र साकार होने वाला सपना है तो नीचे लिखे तथ्यों पर गौर कीजिए-- यंगिस्तान कहलाने वाले हिन्दुस्तान के गंवई इलाकों में 14-29 साल के 82 फीसदी व्यक्ति कंप्यूटर चलाना नहीं जानते. शहरी अंचलों में ऐसे व्यक्तियों की की तादाद 50 प्रतिशत (51 फीसदी)...
More »दर्शकों तक पहुंचने की कठिन डगर - मृणाल पांडे
किसी भी लोकतांत्रिक देश की सरकार और आम आबादी के बीच सहज-सतत संवाद हर कल्याणकारी राज्यव्यवस्था की बुनियादी जरूरत होती है। जब सरकार ने (बीसवीं सदी के अंतिम दशक में) सूचना प्रसार मंत्रालय की मातहती में चलाई जाती रही रेडियो-टीवी की प्रसारण सेवाओं को प्रसार भारती नामक स्वायत्त इकाई को सौंपा था तो शायद उसके पीछे उसके मार्फत राज्य व नागरिकों के बीच एक भरोसेमंद-मजबूत पुल बनाने का ही लक्ष्य...
More »जीएसटी की कसौटी पर- पार्थ उपाध्याय
संसद का सत्र लोक-अपेक्षाओं को पूर्ण करने का एक मंच होता है। संवैधानिक उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए ही सरकार संविधान में संशोधन, परिवर्धन और परिवर्तन करती है। विपक्ष भी जन-आकांक्षाओं पर सरकार को काम करने के लिए बाध्य करने का एक माध्यम है। पर कांग्रेस की हठधर्मिता के कारण विपक्ष की यह भूमिका फिलहाल कमजोर हुई दिखती है। लगभग सत्रह हजार नागरिकों ने अपने हस्ताक्षरों के साथ अपील जारी की...
More »किताबें तो अब भी काम की हैं- चंद्रशेखर तिवारी
ज्ञान को सर्वसुलभ बनाने में पुस्तकालय से बेहतर दूसरा विकल्प शायद ही हो सकता है। इसी बात को ध्यान में रखकर वर्ष 2005 में गठित भारतीय ज्ञान आयोग की पहल पर देश में एक स्वायत्त राष्ट्रीय पुस्तकालय आयोग की स्थापना की गई। इस आयोग की देखरेख में पुस्तकालयों के विकास, संरक्षण व संवर्धन की दिशा में कार्य किया जा रहा है। वर्तमान में देश में सार्वजनिक पुस्तकालयों के चार स्तर...
More »