कृषक जातियों में बेचैनी तेजी से बढ़ रही है, क्योंकि खेती-किसानी अब मुनाफे का काम नहीं रही। उनके बच्चों के पास तकनीकी तालीम भी नहीं है, जिससे वे नए जमाने की नौकरियां पा सकें। ऐसे में राजनीतिक दांव-पेच उन्हें और अधीर कर रहे हैं। जाति-युद्ध की तरफ बढ़ती आग को रोकने के लिए फौरन कदम उठाए जाने चाहिए। हाल के घटनाक्रमों पर पेश है वरिष्ठ पत्रकार नीरजा चौधरी का विश्लेषण पिछले...
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पेयजल संकट का हल खोजेगी सरकार
शिमला, 7 अप्रैल (निस) हिमाचल प्रदेश की राजधानी एवं पर्यटन नगरी शिमला में पेयजल संकट ने प्रदेश की वीरभद्र सिंह सरकार को चिंता में डाल दिया है। शिमला को पेयजल आपूर्ति करने वाले अधिकांश पेयजल स्रोतों के दूषित हो जाने और इनका पानी पीने योग्य न रहने के चलते अब सरकार को शिमला शहर के लिए स्वच्छ पानी उपलब्ध करवाने की चुनौती लगातार बढ़ती जा रही है। इसी के चलते मुख्यमंत्री...
More »नफरत फैलाना राष्ट्रवाद नहीं -- आकार पटेल
बीते दिनों महाराष्ट्र में 'भारत माता की जय' न कहने को लेकर एक मुसलिम विधायक को निलंबित कर दिया गया. उस विधायक का कहना है कि 'भारत माता की जय' नहीं कहेंगे, बल्कि वे 'जय हिंद' कहेंगे. 'भारत माता की जय' या 'जय हिंद', इन दोनों नारों में अंतर क्या है, मैं सचमुच आश्वस्त नहीं हूं, लेकिन इतना जरूर है कि महाराष्ट्र के उस विधायक के निलंबन पर सवाल...
More »विश्व जल दिवस : पांच साल में बचाया पांच करोड़ लीटर पानी
दुनियाभर के विद्वानों का मानना है कि अगला विश्व युद्ध पानी के लिए होगा। इसी बात को ध्यान में रखते हुए हमने टाउनशिप की प्लानिंग ही इस तरह की, जिससे रोजाना कम से कम 30 से 40 फीसदी पानी बचाया जा सके। काफी रिसर्च करना पड़ी। अहमदाबाद से लाखों का प्लांट अरेंज किया। तमाम उपायों से हम करीब पांच साल में हम पांच करोड़ लीटर से ज्यादा पानी बचाने में...
More »आर्थिक उदय का वह नायक- संजय बारु
आज कच्चे तेल की कीमतों के गिरने पर दुनिया इस चिंता में दुबली हुई जा रही है कि इसका आर्थिक विकास पर कितना बुरा असर पड़ेगा। हालांकि कच्चे तेल के मामले में पूरी तरह आयात पर निर्भर भारत इस परिस्थिति पर न तो खुश होता दिखता है, और न ही दुखी। दरअसल, भारतीय नीति-नियंता उन कीमतों को नहीं भूल पाए हैं, जो उन्हें तेज वृद्धि के दौरान चुकानी पड़ी थी। उनका...
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