राजधानी चेन्नै और तमिलनाडु के अन्य हिस्सों में भारी बारिश का सिलसिला जारी है. इस महानगर के हालिया इतिहास में वर्षा का यह स्तर अभूतपूर्व है. आम तौर पर तमिलनाडु में वर्ष के इन महीनों में तेज बारिश होती है. इसका कारण उत्तर-पूर्वी मॉनसून है जिसे वापस लौटता हुआ दक्षिण-पश्चिम मॉनसून भी कहा जाता है. हिमालय से आती ठंडी हवाएं बंगाल की खाड़ी से नमी पाती हैं और दिसंबर से...
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जलवायु परिवर्तन : घिरता भारत-- अनुज सिन्हा
दुनिया की जलवायु में तेजी से परिवर्तन हो रहा है, धरती का तापमान बढ़ रहा है. संकट बढ़ रहा है. इसके लिए दुनिया के विकसित देश अब भारत और अन्य विकासशील देशों को घेरने में लगे हैं. पेरिस में जलवायु परिवर्तन पर हुए सम्मेलन में भारत यही बताता रहा कि विकसित देश अपना दोष विकासशील देशों पर मत मढ़ें. खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दुनिया को यही समझाने में लगे रहे कि...
More »देश का बदलता मौसमः बाढ़, सूखा और तूफान का कहर
जलवायु परिवर्तन को लेकर चिंतित विश्व समुदाय पेरिस में इसका कुछ न कुछ हल ढूंढने में लगा है ताकि पृथ्वी को उसके दुष्प्रभावों से बचाया जा सके। जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से भारत भी अछूता नहीं है। कभी बेमौसम बारिश, सूखा, तूफान और कभी बाढ़ से देश को दो चार होना पड़ा है। फिलहाल मंगलवार देर रात से हुई बारिश से चेन्नई जलमग्न है। जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। सेना...
More »हिमालयी विकास का मॉडल- सुरेश भाई
हिमालय बचाओ! देश बचाओ! सिर्फ नारा नहीं है, बल्कि यह हिमालय क्षेत्र में भावी विकास नीतियों को दिशाहीन होने से बचाने का भी रास्ता है। चिपको आंदोलन के दौरान पहाड़ की महिलाओं ने नारा दिया कि मिट्टी, पानी और बयार! जिंदा रहने के आधार! और ऊंचाई पर पेड़ रहेंगे! नदी ग्लेशियर टिके रहेंगे! ये तमाम नारे पहाड़ के लोगों ने दिए हैं। हिमालयी क्षेत्रों के लोगों, सामाजिक अभियानों तथा आक्रामक...
More »अन्न की बर्बादी और भूख-- रविशंकर
हर साल देश में करीब पचास हजार करोड़ रुपए का अनाज बर्बाद हो जाता है। एक ऐसे देश में जहां करोड़ों की आबादी को दो जून ठीक से खाना नहीं नसीब होता, वहां इतनी मात्रा में अनाजों की बर्बादी किस तरह की कहानी कहती है? इसकी पड़ताल कर रहे हैं रविशंकर। यह विडंबना नहीं, उसकी पराकाष्ठा है कि सरकार किसानों से खरीदे गए अनाज को खुले में छोड़कर अपना कर्तव्य पूरा...
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