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किसानों के हित में नहीं है नया भूमि अधिग्रहण कानून- सुभाष चंद्र कुशवाहा

जब खेती योग्य जमीनें कौड़ियों के भाव अधिगृहीत की जाने लगीं, तो वर्ष 2010 में भूमि अधिग्रहण को लेकर किसानों ने ‘किसान संघर्ष समिति' के बैनर तले पश्चिमी उत्तर प्रदेश में तीव्र विरोध किया। कई जगहों पर उग्र-हिंसक प्रदर्शन हुए, जिसके चलते किसान-पुलिस टकराव के दौरान कई लोगों की जानें गईं। दरअसल भूमि अधिग्रहण कानून के बल पर किसानों की जमीनें सस्ते में खरीदकर उद्योगपतियों को दी जा रही थीं, जो...

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7 घंटे में 754000 को मिली विवादों से आजादी

निराकृत मामले 0 प्रारंभिक विवाद 04.54 लाख 0 मनरेगा प्रकरण 02.47 लाख 0 राजस्व विभाग 01.20 लाख 0 न्यायालयीन 01.80 लाख 0 बैंक व वित्तीय संस्थान 15733 0 बिजली विभाग 23621 बिलासपुर (निप्र)। राष्ट्रीय लोक अदालत ने शनिवार को सुबह 10 से शाम 5 बजे के बीच महज 7 घंटे में 7 लाख 54 हजार से अधिक परिवारों को विवादों से आजादी दिला दी है। अब इन्हें न तो पुराने मामले के लिए कोर्ट का चक्कर लगाना...

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बराबरी का फलसफा और हम - गोपालकृष्‍ण गांधी

साम्यवाद का भविष्य। यह भी आज किसी लेख का विष्ाय हो सकता है क्या? कांग्रेस का भविष्य, नेहरू-गांधी परिवार का भविष्य, लोकतांत्रिकता का भविष्य, अल्पसांख्यिकता का भ्ाविष्य, स्वतंत्र विचार, स्वतंत्र लेखन, स्वतंत्र चिंतन का भविष्य, इन सब पर सोच वाजिब और लाजिम है। लेकिन साम्यवाद..? साम्यवाद करके जब कुछ रहा ही नहीं है, उस नाम के दोनों दलों माकपा और भाकपा के जब लोकसभा में सदस्य ही नहीं के बराबर हैं,...

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बड़े सवालों से मुंह छुपाता वाम- उर्मिलेश

चुनावी विफलताओं से उपजी हताशा और अपनी निष्क्रियता के चलते काफी लंबे समय से देश के पारंपरिक वामपंथी दल राष्ट्रीय-चर्चा से लगभग बाहर हैं. इधर, अचानक मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी में महासचिव प्रकाश करात और पोलित ब्यूरो के सदस्य सीताराम येचुरी के पक्ष-विपक्ष की दलबंदी के चलते वाम-राजनीति की एक खास बहस सामने आयी है. यह प्रमुखत: गंठबंधन की राजनीति को लेकर है. लेकिन इस बहस में वे सवाल कहीं नहीं...

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संशोधन की आड़ में लूटने की तैयारी

सीएनटी एक्ट में संशोधन वर्ष 1929, 1938, 1947, 1969, 1996 में हो चुका है. आज फिर इसमें संशोधन किये जाने पर कई सारे तर्क दिये जा रहें हैं. बेशक इसको लेकर सीएनटी एक्ट के दायरे में आनेवाले क्षेत्र के आदिवासियों के बीच ही इसके लाभ-हानि पर बहस होनी चाहिए. उसके पश्चात 27.9.2014 को राज्य की जनजातीय सलाहकार परिषद (टीएसी) की बैठक में जिस तरह इसमें संशोधन का प्रस्ताव पारित कराया...

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