नई दिल्ली [डॉ. ऋतु सारस्वत]। भारत अपनी स्वतंत्रता के छह दशक बिता चुका है और इन वर्षो में भारत में बहुत कुछ बदला है। विश्व के सबसे मजबूत गणतंत्र में सभी को अपनी इच्छा से जीने, सोचने और अपने विचारों को अभिव्यक्त करने की स्वतंत्रता मिली है, जिसका हम उपभोग भी कर रहे हैं। हालाकि एक वर्ग ऐसा भी है जो आज भी इस सुखानुभूति से वंचित है और वह...
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सिमट सिमट जल भरहिं तलाबा- अनुपम मिश्र
आज हर बात की तरह पानी का राजनीति भी चल निकली है। पानी तरल है, इसलिए उसकी राजनीति भी जरूरत से ज्यादा बहने लगी है। देश का ऐसा कोई हिस्सा नहीं है, जिसे प्रकृति उसके लायक पानी न देती हो, लेकिन आज दो घरों, दो गांवों, दो शहरों, दो राज्यों और दो देशों के बीच भी पानी को लेकर एक न एक लड़ाई हर जगह मिलेगी। मौसम विशेषज्ञ बताते हैं कि...
More »कृषि व सेवा क्षेत्र के बूते आर्थिक वृद्धि 8.2 फीसदी
नई दिल्ली। कृषि और सेवा क्षेत्र के बेहतर प्रदर्शन के बूते चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही [अक्तूबर-दिसंबर] में सकल घरेलू उत्पाद [जीडीपी] की वृद्धि दर 8.2 फीसदी रही। इससे पूर्व वित्त वर्ष की इसी तिमाही में यह 7.3 फीसदी थी। सरकार की ओर से सोमवार को जारी आकड़ों के अनुसार, तीसरी तिमाही में कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर 8.9 फीसदी रही, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही...
More »महानगरों में बेची जाती हैं यहां की बेटियां!- अनिमेष नचिकेता
सुपौल. बिहार का शोक कही जाने वाली नदी कोसी की बेटियां देश की राजधानी दिल्ली समेत अन्य महानगरों में बेच डाली जाती हैं। कोसी के ग्रामीण इलाकों की इन बेटियों को दलाल नौकरी और पैसे का लालच देकर झांसे में लेते हैं। घोर गरीबी से जूझ रहे इनके माता-पिता की आंखों में पैसे की लालच नयी चमक पैदा कर देती है। दिल्ली में हर एक बेटी की कीमत तय की जाती है। पांच...
More »प्रति व्यक्ति आय के मामले में बिहार सबसे नीचे
राज्य की प्रति व्यक्ति सालाना आय 17,590 रुपया है। यह राष्ट्रीय औसत का एक तिहाई है। विगत वित्तीय वर्ष 2009-10 में राज्य का सकल घरेलू उत्पाद 1,68,603 करोड़ रुपया रहा। बुधवार को बिहार विधानमंडल में वित्त मंत्री सुशील कुमार मोदी ने आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट 2010-11 को पेश किया। रिपोर्ट के मुताबिक राज्य की अर्थव्यवस्था में कृषि क्षेत्र का योगदान कम हुआ है। उत्पादन और निर्माण के द्वितीयक सेक्टर का योगदान 13...
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