इन खबरों के बाद अपने सांसदों पर निगाह जाना स्वाभाविक है कि वे एक बार फिर अपनी वेतनवृद्धि हेतु आधार तैयार कर रहे हैं। इस तरह के प्रयास के लिए मीडिया में उनकी आलोचना हो रही है। सांसदों के वेतन-भत्ते में बढ़ोतरी की जब भी बात होती है तो इस तरह की बातें होने की कई वजहें होती हैं। इनमें से कुछ पर नजर डालना जरूरी है। इस तरह वेतन-भत्ते...
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कहां है सुधारों की अगली खेप-- रामचंद्र गुहा
सन 2009 के आम चुनाव के ठीक बाद मैंने बेंगलुरु में एक भाषण सुना, जो नई सरकार के लिए नीतियों के नए रोडमैप पर था। वक्ता थे राकेश मोहन, जो उद्योग व वित्त मंत्रालय में वरिष्ठ पदों पर रह चुके थे और उस वक्त रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर थे। राकेश मोहन का कहना था कि आर्थिक सुधारों की पहली लहर ने व्यापार को सरकारी नियंत्रण से बाहर निकाला और...
More »शहरों में बढ़ेगा बढ़ती आबादी का बोझ- ज्ञानेन्द्र रावत
दुनिया की आबादी सात अरब को पार कर चुकी है। इसमें हर साल आठ से नौ करोड़ की वृद्धि चिंतनीय है। संयुक्त राष्ट्र की मानें, तो भविष्य में भारत को मिलाकर कुछ बड़े अफ्रीकी और दक्षिण एशियाई देश वैश्विक आबादी तेजी से बढ़ाएंगे। भारत सबसे बड़ी आबादी वाला दुनिया का दूसरा देश है। आने वाले 10-12 वर्षों में भारत चीन से आगे निकल जाएगा। आशंका है, 2060 में भारत की...
More »नारेबाजी तक सीमित रह गए नारे - गोपालकृष्ण गांधी
इधर चेन्नई में कुछ दिनों पहले योगेंद्र यादव को सुनने का सुयोग मिला। एक स्कूल में बोल रहे थे। सुनने वालों में छात्र-छात्राओं के अलावा कई 'बड़े" भी थे, बुजुर्ग भी। हर उम्र के लोगों के लिए उनकी तकरीर वाजिब और अनुकूल थी। योगेंद्र बहुत ही रुचिकर मुद्दे पर बोल रहे थे - इंकलाब पर दोबारा सोच या क्रांति पर पुनर्विचार। उन्होंने कहा कि वे पुणे से आ रहे हैं,...
More »व्यापमं ने साख पर उठाए सवाल - आरती जेरथ
आखिरकार सर्वोच्च अदालत को व्यापमं घोटाले में वह हस्तक्षेप करना ही पड़ा, जो कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को बहुत पहले ही कर देना था। सर्वोच्च अदालत ने अब न केवल व्यापमं घोटाले के तहत हुई फर्जी नियुक्तियों/दाखिलों, बल्कि इस घोटाले से जुड़े विभिन्न लोगों की रहस्यपूर्ण परिस्थितियों में हुई मौतों की भी सीबीआई जांच के आदेश दे दिए हैं। यह एक स्वागतयोग्य कदम है, लेकिन सवाल...
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