पौड़ी गढ़वाल [विनोद पोखरियाल]। एक स्कूल, चार शिक्षक, दो छात्र और खर्च साढ़े दस लाख रुपये सालाना। ये है उत्तराखंड केएक स्कूल की तस्वीर। यह कोई पब्लिक स्कूल नहीं, पौड़ी जिले के कोट ब्लाक स्थित एक गाव का सरकारी जूनियर हाईस्कूल है। यहा सरकार चार शिक्षकों के वेतन पर प्रतिमाह 88 हजार रुपये खर्च कर रही है। यह स्थिति एक-दो नहीं पूरे चार साल से है। यदि इन दोनों बच्चों को...
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बिल के पास नहीं होने से सिब्बल दुःखी
नयी दिल्लीः मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल काफी गुस्से में हैं. कारण कि उनका शिक्षा में सुधार के लिए पेश किया गया बिल- ''''द एडुकेशन ट्रिब्यूनल बिल'' राज्य सभा में पारित नहीं हो सका. इस बारे में उन्होंने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से शिकायत की है तथा अब उनकी मंशा पार्टी सुप्रीमो सोनिया गांधी से मिलने की है. बिल के मामले में उनका मुख्य विरोधी उनके अपनी ही पार्टी के के...
More »मणिपुर के बच्चे कहाँ जाएं
मणिपुर में उग्रवाद और उग्रवाद के विरोध में जारी हिसंक गतिविधियों के चलते बीते कई दशकों से बच्चे हिंसा की कीमत चुके रहे हैं. यह सीधे तौर से गोलियों और अप्रत्यक्ष तौर से गरीबी, अशिक्षा, कुपोषण की तरफ धकेले जा रहे हैं. राज्य में स्थितियां तनावपूर्ण होते हुए भी कई बार नियंत्रण में तो बन जाती हैं, मगर स्कूल और स्वास्थ्य सेवाओं जैसे बुनियादी ढ़ांचे कुछ इस तरह से चरमराए हैं...
More »ऐसे हासिल होगी हर घर को बिजली
बिजली सबको हासिल हो- क्या यह बस एक दिवास्वप्न है। क्या जब तक सबको रोटी,कपड़ा,मकान, शिक्षा,स्वास्थ्य और साफ पेयजल जैसी बुनियादी सुविधायें हासिल नहीं हो जातीं तब तक हमें सबके पास बिजली पहुंचाने के सवाल को ठंडे बस्ते में डाल देना चाहिए। भारत में बिजली की सुविधा से वंचित लोगों की तादाद दुनिया में सबसे ज्यादा है। देश में आधे से ज्यादा घरों में बिजली नहीं है यानी दूसरी तरह से कहें तो विश्व...
More »अनाथ स्कूल को दी शिक्षा की छांव
बरेली [राजीव शर्मा]। न कोई टीचर और न ही शिक्षा मित्र। फिर ंभी सीबीगंज इलाके का एक पूर्व माध्यमिक विद्यालय गुलजार है। रोजना ही स्कूल खुलता है। बच्चे पढ़ते हैं और खुशी-खुशी घर लौट जाते हैं। इस काम को कोई सामाजिक संगठन या सरकार अतिरिक्त टीचर लगाकर नहीं करा रही। जब कि गांव की ही एक पढ़ी-लिखी लड़की ने इस 'अनाथ' स्कूल को अपनी 'शिक्षा' की छांव दी है।...
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