नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। दुनिया के देश जैसे आतंकवाद से लड़ाई में 'जीरो टालरेंस' की बात कर रहे हैं, वैसी ही इच्छाशक्ति आपदाओं से लड़ने के लिए भी चाहिए। यहां विज्ञान भवन में जुटे देश-दुनिया के सभी वैज्ञानिक और अधिकारी इस मुद्दे पर एक मत दिखे। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान [एनआईडीएम] ने कुदरत के कहर या मानवजनित आपदाओं से लड़ने के उपाय खोजने के लिए तीन साल पहले राष्ट्रीय आपदा...
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स्कूलों में आपदा प्रबंधन के गुर सीखेंगे बच्चे
पटना पटना जिले के माध्यमिक विद्यालयों में बच्चों को ग्लोबल वार्निग और आपदा प्रबंधन के बारे में जानकारी दी जाएगी। इसके लिए जिला स्तर पर तैयारी की जा रही है। प्रशिक्षकों के माध्यम से कक्षाओं में प्राकृतिक आपदा से बचाव संबंधी टिप्स बच्चों को बताया जाएगा। इसके लिए राज्य सरकार ने समुदाय आधारित आपदा प्रबंधन योजना निर्माण संबंधी मार्गदर्शिका तैयार की है। प्राकृतिक आपदा जैसे-बाढ़, बादल फटना, आकस्मिक स्थानीय बाढ़,...
More »हजारों वर्गफुट में फैला मलबा बना चुनौती
कोरबा. बालको के निर्माणाधीन पॉवर प्लांट की चिमनी गिरने की यह अपने तरह की पहली घटना है। इस बड़ी औद्योगिक दुर्घटना में आपदा प्रबंधन की व्यवस्था की पोल भी खोलकर रख दी है। चिमनी गिरने के बाद संयंत्र परिसर में अफरा-तफरी मच गई। मजदूर अपने साथियों को तलाशते हुए बदहवास थे। यह सही है कि हादसा बड़ा है मगर उसके बाद राहत और आपदा प्रबंधन ने जो व्यवस्था की जानी...
More »कोसी का कहर
कोसी का कहर अगस्त 2008 में बिहार के एक बड़े इलाके पर टूट पड़ा। कोसी को कभी बिहार का शोक कहा जाता था। जब यह नदी पूर्णिया जिले में बहती थी तब एक कहावत बड़ी चर्चित थी कि ‘जहर खाओ, न माहुर खाओ, मरना है तो पूर्णिया जाओ।’ इस नदी का यह स्वभाव था कि वह अपना रास्ता बदलती रहती थी। यह कब अपना रुख बदल लेगी, इसका अंदाजा लगाना...
More »न्याय:कितना दूर-कितना पास
खास बात • साल २००९ के अप्रैल महीने तक सर्वोच्च न्यायालय में लंबित मुकदमों की संख्या ५०१४८ थी। केसों के निपटारे की गति बढ़ी है मगर शिकायतों के आने की गति और जजों की संख्या केसों के आने की गति की तुलना में अपर्याप्त साबित हो रही है।* • दो साल पहले यानी साल २००७ के जनवरी महीने में सुप्रीम कोर्ट में लंबित केसों की संख्या ३९७८० थी। सुप्रीम कोर्ट लंबित केसों के निपटारे में तेजी लाने असहाय महसूस...
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