जनसत्ता 18 जनवरी, 2013: स्त्री की हिफाजत, हैसियत, बराबरी के किसी मुद्दे पर इतना बड़ा तूफान भारतीय समाज में शायद पहले कभी न खड़ा हुआ हो। दिल्ली में ही लोग सड़कों पर नहीं उतरे, मणिपुर, जम्मू, चेन्नै से लेकर मुंबई, कोलकाता आदि शहरों में भी आक्रोश और पश्चाताप के अलग-अलग स्वर सुनने को मिले। हमारी सामाजिक गिरावट की विडंबना का एक नमूना यह भी रहा कि फिजा में फैली फांसी की मांग...
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खाप पंचायतों के फरमान गैरकानूनी: सुप्रीम कोर्ट
नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने मोबाइल के इस्तेमाल और ड्रेस कोड को लेकर महिलाओं पर प्रतिबंध संबंधी खापों (जातीय पंचायतें) के फरमान गैरकानूनी करार दिए हैं। जस्टिस आफताब आलम और रंजना प्रकाश देसाई की बेंच ने सोमवार को कहा, 'यह (खापों के फरमान) कानून का उल्लंघन हैं। कोई किसी को कैसे कह सकता है कि...
More »बिहारः6000 करोड़ का घोटाला,नीतीश ने दिए जांच के आदेश
पटना: मनरेगा यूपीए सरकार की बड़ी योजना मानी जाती है और कहा जाता है कि यूपीए-2 की सरकार मनरेगा के कारण ही बनी. लेकिन एक एनजीओ ने बिहार में संचालित मनरेगा पर 6 हजार करोड़ की लूट खसोट के आरोप लगाए हैं. फ़र्ज़ी जॉब कार्ड और फ़र्ज़ी मास्टर रोल की बदौलत करीब 6 हजार करोड़ के घोटाले का आरोप लगा है. ये खुलासा एक एनजीओ सेंटर फॉर इन्वायरमेंट एंड फूड सिक्योरिटी...
More »जाति की दीवारों से घिरे लोग - ज्यां द्रेज
एक बार मैं रीवा जिले की एक दलित बस्ती में गया। बस्ती की चारों तरफ ऊंची जाति के किसानों के खेत थे और इन किसानों ने बस्ती तक जाने के लिए कोई रास्ता देने से इनकार कर दिया था। बस्ती के अंदर छोटी-छोटी सड़कें थीं, लेकिन ये सड़कें बस्ती के आखिरी छोर पर आकर अचानक खत्म हो जाती थीं। वह बस्ती उस टापू की तरह लग रही थी, जो चारों...
More »इस असंतोष की जड़ें- पुण्य प्रसून वाजपेयी
जनसत्ता 8 नवंबर, 2012: बेचैनी हर किसी में है। आम आदमी की बेचैनी रोज-रोज की परेशानी से जूझते हुए पैदा हुई है। खास लोगों की बेचैनी सत्ता-सुख गंवाने के डर से उपजी है। विरोध में उठे हाथ गुस्से में हैं। गुस्सा जीने का हक मांग रहा है। सत्ता को यह बर्दाश्त नहीं है तो वह गुस्से में उठे हाथों को चिढ़ाने के लिए और ज्यादा गुस्सा दिलाने पर आमादा है। गुस्सा...
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