इन दिनों परीक्षाफल का मौसम है। हमारे देश में 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं के नतीजे खास महत्व रखते हैं, क्योंकि ये एक ओर स्कूली शिक्षा की दशा का एहसास कराते हैं, तो दूसरी ओर इनसे उच्च शिक्षा के भविष्य की पड़ताल की जा सकती है। 12वीं की परीक्षा संचालित करने के लिए देश में 53 अधिकृत बोर्ड हैं, जिनमें सीबीएसई को सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। इस वर्ष सीबीएसई का...
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शिक्षा तंत्र की कमजोर कड़ियां- मनीषा सिंह
अलग-अलग राज्यों के शिक्षा बोर्डों के तहत आधे-अधूरे संसाधनों के बल पर दी जाने वाली शिक्षा और कराई जाने वाली परीक्षा कुछ वैसे ही दृश्य पेश करती है, जैसे फिलहाल बिहार विद्यालय परीक्षा बोर्ड (बीएसइबी) को लेकर सामने आए हैं। एक ओर तो इस परीक्षा में चौंसठ फीसद छात्र फेल हो गए- जिस पर परीक्षार्थियों ने काफी हंगामा खड़ा किया है। यही नहीं, आइआइटी की प्रवेश परीक्षा में उत्तीर्ण होने...
More »शिक्षकों की कमी पूरी करने आउटसोर्सिंग शुरू, 23 सौ पदों पर नियुक्तियां
रायपुर। कांग्रेस के विरोध के बीच राज्य सरकार ने स्कूलों में विषय विशेषज्ञ शिक्षकों की नियुक्ति के लिए आउटसोर्सिंग शुरू कर दी है। बस्तर संभाग के अति नक्सल प्रभावित सुकमा और बीजापुर सहित प्रदेश के कई दूसरे जिलों में छत्तीसगढ़ कौशल विकास रोजगार विभाग की ओर से विज्ञापन जारी किए गए हैं। स्थानीय आवेदकों को प्रमाणपत्रों सहित साक्षात्कार के लिए आने को कहा गया है। सरकार ने कहा है कि नियुक्तियां...
More »अनूठा स्कूल : सालाना फीस डेढ़ क्विंटल अनाज, दस किलो दाल
गोपाल माहेश्वरी, डही (धार)। सालभर की पढ़ाई और रहने-खाने का खर्च शहरों के आवासीय विद्यालयों में हजारों-लाखों रुपए में होता है, लेकिन धार जिले के डही कस्बे से 18 किमी दूर ककराना के राणी काजल जीवन शाला की बात अलग है। यहां आदिवासी मजदूरों के बच्चे शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। एक बच्चे की साल भर की पढ़ाई और रहने-खाने के बदले अभिभावकों को फीस के बदले डेढ़ क्विंटल अनाज और...
More »एसी वाली कॉरपोरेट लाइफ छोड़ बनी किसान-- रचना प्रियदर्शिनी
तेजी से औद्योगिकीकरण की ओर बढ़ते इस मशीनी युग में जहां गांवों की अधिकतर आबादी बेहतर जीवन और सुख-सुविधाओं की तलाश में शहरों की ओर पलायन कर रही है, वहीं एक बेटी ऐसी भी है, जिसने कॉरपोरेट लाइफ की अच्छी-खासी जॉब को ठुकरा कर गांव में खेती करने के लिए वापस लौट आयी. इस बेटी का नाम है-अंकिता कुमावत. जानते हैं अंकिता के इस निर्णय की आखिर वजह क्या ...
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