नई दिल्ली [डॉ. ऋतु सारस्वत]। भारत अपनी स्वतंत्रता के छह दशक बिता चुका है और इन वर्षो में भारत में बहुत कुछ बदला है। विश्व के सबसे मजबूत गणतंत्र में सभी को अपनी इच्छा से जीने, सोचने और अपने विचारों को अभिव्यक्त करने की स्वतंत्रता मिली है, जिसका हम उपभोग भी कर रहे हैं। हालाकि एक वर्ग ऐसा भी है जो आज भी इस सुखानुभूति से वंचित है और वह...
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.ताकि सर उठा के जिए हर विशेष बच्चा
शिमला प्रदेश में 2284 विशेष बच्चों को अब तक स्कूल नहीं पहुंचाया जा सका है। वजह यह कि ये बच्चे स्कूल जाने की स्थिति में नहीं हैं। इन बच्चों के लिए 550 स्वयंसेवी संस्थाओं के माध्यम से होम बेस्ड प्रोग्राम चलाया जा रहा है। प्रदेश में 11,871 बच्चे विकलांगता के शिकार हैं। 2284 स्कूल जाने की स्थिति में नहीं हैं। सर्व शिक्षा अभियान के परियोजना निदेशक राजेश शर्मा ने मंडे मुलाकात के दौरान...
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शिमला प्रदेश में 2284 विशेष बच्चों को अब तक स्कूल नहीं पहुंचाया जा सका है। वजह यह कि ये बच्चे स्कूल जाने की स्थिति में नहीं हैं। इन बच्चों के लिए 550 स्वयंसेवी संस्थाओं के माध्यम से होम बेस्ड प्रोग्राम चलाया जा रहा है। प्रदेश में 11,871 बच्चे विकलांगता के शिकार हैं। 2284 स्कूल जाने की स्थिति में नहीं हैं। सर्व शिक्षा अभियान के परियोजना निदेशक राजेश शर्मा ने मंडे मुलाकात के दौरान...
More »सिमट सिमट जल भरहिं तलाबा- अनुपम मिश्र
आज हर बात की तरह पानी का राजनीति भी चल निकली है। पानी तरल है, इसलिए उसकी राजनीति भी जरूरत से ज्यादा बहने लगी है। देश का ऐसा कोई हिस्सा नहीं है, जिसे प्रकृति उसके लायक पानी न देती हो, लेकिन आज दो घरों, दो गांवों, दो शहरों, दो राज्यों और दो देशों के बीच भी पानी को लेकर एक न एक लड़ाई हर जगह मिलेगी। मौसम विशेषज्ञ बताते हैं कि...
More »दयनीय दशा में बच्चे- स्टेट ऑव द वर्ल्ड चिल्ड्रेन 2011
अगर जानना चाहें कि कोई देश प्रगति के किस मुकाम तक पहुंचा है तो पैमाना बनाइए उस परिवेश को जिसमें वहां बच्चे बड़े हो रहे हैं। परिवेश कुपोषण, भुखमरी, अस्वास्थ्यकर अड़ोस-पड़ोस और जबरिया बाल-मजदूरी का हो तो देश को प्रगति के क्रम में बड़ी कीमत चुकानी पड़ती है।द स्टेट ऑव वर्ल्ड चिल्ड्रेन रिपोर्ट के तथ्यों से पता चलता है कि विश्व के भावी नागरिकों के हक में बड़ा कम निवेश किया जा रहा है।...
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