गन्ने की पेराई उत्तर प्रदेश में अभी शुरू भी नहीं हो सकी है और चीनी मिल मालिक मुसीबत में फंसते नजर आ रहे हैं। देसी-विदेशी बाजारों में चीनी की कीमतें घट रही हैं, लेकिन गन्ना किसान उन पर इस साल भी ज्यादा कीमत देने का दबाव बना रहे हैं। रही-सही कसर कोल्हू मालिकों ने पूरी कर दी है, जो किसानों को मुंह मांगे भाव दे रहे हैं। दरअसल राज्य के किसान पिछले...
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कृषकों को मार्केट से जोड़े सरकार
भोपाल. मप्र राज्य कृषक आयोग ने प्रदेश में रासायनिक उर्वरकों के अंधाधुंध इस्तेमाल पर चिंता जताते हुए जैविक कृषि को बढ़ावा देने की अनुशंसा की है। साथ ही कृषि को लाभ का धंधा बनाने के लिए उसे सीधे बाजार से जोड़ने के लिए विशेष प्रयास किए जाने की जरूरत भी जताई है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को सौंपी रिपोर्ट में आयोग ने कहा है कि खेती की मुख्य समस्या...
More »गन्ना मूल्य के निर्धारण को लेकर किसान इस बार पसोपेश में
नई दिल्ली | केंद्र सरकार के घोषित एफआरपी के बाद राज्यों के एसएपी तय किए जाने पर संदेह है। उत्तर प्रदेश समेत अन्य राज्य एसएपी घोषित करने को लेकर मौन साधे हुए हैं। इस स्थिति में यह स्पष्ट नहीं हो पा रहा है कि गन्ना इस बार किस मूल्य पर बिकेगा। भारी बारिश और बाढ़ के चलते उत्तर प्रदेश में गन्ने की फसल को हुए नुकसान से किसान पहले ही...
More »जीएम खाद्य थोपने पर तुली सरकार-रविंद्र गिन्नौरे
1.दुनिया के किसी देश की सरकार ने ऐसी पहल नहीं की, जो हमारी सरकार करने जा रही है. 2.केंद्र सरकार ने स्पष्ट कह दिया है कि जीएम खाद्य स्वास्थ्य को किसी प्रकार से नुकसान नहीं पहुंचाते. 3.दूसरी ओर, भारत में जेनेटिक मोडिफ़ाइड फ़सलों के अपशिष्ट को खाकर कई स्थानों पर पशु मारे जा चुके हैं. भारत सरकार जिस तरह जीएम खाद्य फ़सलों को हम पर थोपने पर तुली है वह शंका का कारण...
More »यह सिर्फ़ अनाज का सड़ना नहीं है- कृष्णप्रताप सिंह
1.लूट की आंधी-तूफ़ान की तरह आ रही खबरों ने सरकारी अनाज के गोदामों के बाहर सड़ने की खबरों से लोगों का ध्यान हटा दिया. 2.गैरजिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की बात करनेवाले कृषि मंत्री अब कह रहे हैं कि ज्यादा अनाज सड़ा ही नहीं. 3.जिस मात्रा को वे तुच्छ बता रहे हैं वह कुल भंडारित अनाज का कम से कम 15 प्रतिशत तो है ही. न्याय का सामान्य-सा नियम है कि एक अपराध को...
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