SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 2448

बुजुर्गों के लिए इज्जत की जिन्दगी -आईए, एक अभियान का हिस्सा बनें

बुजुर्गों की जीवन-संध्या पूरी गरिमा और बिना किसी अभाव के बीते- यह हर सभ्य समाज का नैतिक दायित्व है। बुजुर्गों के प्रति इसी दायित्व-भाव से पेंशन परिषद् दिल्ली में जन्तर-मन्तर पर अगामी 7 मई से 11 मई(2012) तक एक अभियान के तहत धरने का आयोजन कर रहा है। धरने के आयोजन के पीछे मकसद एकदम सरल और सहज है, और इस मकसद को पूरा करने का वक्त अब आ चुका है। आगे की पंक्तियों को...

More »

आखिर कब पूरा होगा बाल मजदूर मुक्त समाज का सपना

नई दिल्ली। एक मई देश की उत्साहजनक विकास दर और शहरीकरण के बीच लाखों बच्चे अपने बचपन को भूल दयनीय स्थिति में मजदूरी करने को विवश हो रहे है। कई गैर सरकारी संगठन इस काम में जुटे हुए है कि बाल मजदूरी से देश व समाज को जल्द से जल्द मुक्त किया जा सकें। तमाम सरकारी नीतियों और गैर सरकारी प्रयासों के बावजूद बाल मजदूरों की संख्या में इजाफा होता...

More »

आंकड़ा बढ़ा, रतलाम डीएफओ अभी तक 35 करोड़ का

- सीतामऊ में गैस एजेंसी, यहीं पर मौके की पांच दुकानें -मंदसौर आवास से मिले 16.50 लाख रुपए नगद -इंदौर में है 5हजार वर्गफीट में बना हुआ बंगला -राजस्थान के उदयपुर में भी संपत्ति होने का पता चला  भोपाल। रतलाम डीएफओ एसके पलाश की संपत्ति का आंकड़ा बढ़कर 35 करोड़ तक पहुंच गया है। लोकायुक्त टीम ने मंगलवार सुबह एक साथ पलाश के सभी ठिकानों पर कार्रवाई की थी।...

More »

इन बच्चों का क्या कसूर?- हर्षमंदर

गरीबों के बच्चे मवेशी चराते हैं और चटाई बुनते हैं, वे शहर के कूड़ागाहों और ट्रैफिक सिगनल्स पर पाए जाते हैं, ईंट-भट्टे और कोयला खदानें आमतौर पर उनके काम करने की जगहें होती हैं। जब हमारे बच्चे स्कूलों में पढ़ाई करने जाते हैं, तब गरीबों के बच्चे रोजी-रोटी के लिए मशक्कत कर रहे होते हैं। लेकिन बड़ी अजीब बात है कि हमने महज इस संयोग के आधार पर इन बच्चों की इस...

More »

किशोर आबादी के कुछ अनजाने तथ्य - यूनिसेफ की नई रिपोर्ट

दुनिया में किशोर उम्र के लोगों की तादाद 1 अरब 20 लाख है लेकिन आबादी के इतने बड़े हिस्से के रोजमर्रा की जिन्दगी के बारे में- उसके आस-निरास, आशा-आकांक्षा और उसके सामने खड़ी बाधाओं के बारे में हमारी जानकारी कितनी है ? यूनिसेफ की नई रिपोर्ट प्रोग्रेस फॉर चिल्ड्रेन- अ रिपोर्टकार्ड ऑन एडोलेसेंट का निष्कर्ष है- “ बहुत कम ।”   मिसाल के लिए भारत के बारे में ही सोचें। विज्ञापनों की...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close