नई दिल्ली. भारत में एक ओर रोज करोड़ों लोगों को भूखे सोना पड़ता है, जबकि दूसरी ओर हर दिन 82 करोड़ रुपये से भी ज्यादा मूल्य का अन्न बर्बाद हो जाता है। वह भी केवल इसलिए क्योंकि सरकार के पास यह अन्न रखने और एक जगह से दूसरी जगह लाने-ले जाने की पर्याप्त सुविधा नहीं है। केंद्रीय खाद्य एवं प्रसंस्करण मंत्री सुबोध कांत सहाय ने सोमवार को राज्य सभा में एक सवाल के...
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जंगल की मुठभेड़ किसने देखी ?
हाल ही में चार अगस्त को बस्तर के जंगलों में नक्सलवादियों और छत्तीसगढ़ पुलिस के विशेष दल (एसटीएफ) के बीच मुठभेड़ की असलियत पुलिस दावों से कोसों दूर है. अनिल मिश्रा की रिपोर्ट जोगा का शवदाह हो चुका है मगर ग्रामीण अब भी सहमें हुए हैं. यह तय कर पाना कि जोगा के संबंध नक्सलियों से थे या नहीं कठिन है मगर फोर्स द्वारा पैसे देकर मुंह बंद करने की कोशिश...
More »खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के लिए व्यापक नीति की जरुरत
नई दिल्ली। उद्योग जगत का कहना है कि देश के खाद्य प्रसंस्करण उद्योग में आने वाले समय में 40 प्रतिशत की धमाकेदार वृद्धि संभावनाओं के बावजूद क्षेत्र में व्यापक राष्ट्रीय नीति और उपयुक्त ढांचागत सुविधाओं सहित कई तरह की चुनौतियां खडी हैं। वाणिज्य एवं उद्योग मंडल [फिक्की] द्वारा इस संबंध में किए गए एक सर्वेक्षण में विभिन्न पक्षों ने 15 तरह की चुनौतियां गिनाई हैं जिनका खाद्य प्रसंस्करण उद्योग...
More »कई गावों में घुसा गंडक का पानी
पटना, जासं : नेपाल से एक लाख तिरासी हजार चार सौ क्यूसेक पानी छोड़े जाने के कारण रविवार को उत्तर बिहार में गंडक के जलस्तर में वृद्धि जारी है। इससे पश्चिमी चंपारण के योगापट्टी और बैरिया अंचल के दर्जनों गांवों में पानी घुस गया है। हजारों एकड़ में लगी गन्ने व धान की फसलें डूब गयी हैं। चंपारण तटबंध व पीडी रिंग बांध समेत बेतिया जिला मुख्यालय पर खतरा बढ़ गया...
More »बेहाल बुंदेले बदहाल बुंदेलखंड - 2
सही है कि पूरे बुंदेलखंड में लगभग 2 लाख 80 हजार कुओं में से अधिकतर बेकार पड़ गए हैं - या तो मरम्मत के अभाव में वे गिर गए हैं या वे सूख गए हैं- लेकिन थोड़े-से रुपए खर्च करके उन्हें फिर से उपयोग के लायक बनाया जा सकता है. मगर पंचायतों और अधिकारियों का सारा जोर नए कुएं-तालाब खुदवाने पर अधिक रहता है. एेसा इसलिए होता कि इनमें ठेकेदारों,...
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