कुचायकोट [गोपालगंज, मनोज राय]। सवनहीं जगदीश गांव के कन्हैया सिंह, वीरेन्द्र सिंह, दुखी सिंह, महावीर सिंह और मंगल सिंह, ये पांच किसान हैं, जिन्होंने वर्ष 2001 में सामुदायिक सिंचाई की छोटी-सी पहल की थी। दस बरस में यह प्रयास कुछ यूं रंग लाया कि सामुदायिक सिंचाई अब कृषि विकास का 'माडल' बन चुका है। पैदावार भी अच्छी होने लगी और मानसून पर से निर्भरता भी घटी। सिंचाई व्यवस्था की इस...
More »SEARCH RESULT
साल के अंत तक कम होगी खाद्य मुद्रास्फीति
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने शनिवार को कहा कि खाद्य मुद्रास्फीति चालू वर्ष की दूसरी छमाही में कम होगी। आर्थिक वृद्धि के मुद्दे पर प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के सकल घरेलू उत्पाद की दर 11वीं पंचवर्षीय योजना 2007-12 के दौरान 9.0 फीसदी के लक्ष्य के मुकाबले 8.1 फीसदी रहेगी। मनमोहन सिंह ने राज्यों से खेतीबाड़ी पर ज्यादा ध्यान देने की अपील करते हुए कहा कि महंगाई की मार...
More »आशियाने ही नहीं, उम्मीदें भी लगीं दरकने
संगरूर-बाढ़ का पानी बेशक उतरने लगा हो, लेकिन खौफ व दर्द अब भी इनकी आंखों के आंसू सूखने नहीं दे रहा। जान बच गई बस यही काफी है। पानी ने जिंदगी की जो रफ्तार एकाएक रोक दी, वह कब रवानी पकड़ेगी क्या मालूम। अभी तो यह चिंता साल रही है कि कहीं फिर आसमान रूठा तो रही सही कसर पूरी हो जाएगी। लोग कभी अपने घरों की दरारों को देखते हैं...
More »सब्जियों के दामों में लगी आग
कानपुर। कम बारिश और पेट्रोलियम पदार्थो के मूल्य में वृद्धि ने शहर में सब्जियों के दामों में आग लगा दी है। कुछ दिन पहले तक 25 रुपये किलो में बिकने वाला टमाटर अब 60 रुपये किलो और दस रुपये किलो बिकने वाला परवल 40 रुपये में बिक रहा है। फुटकर सब्जी विक्रेताओं के अनुसार, सब्जियों के दामों में वृद्धि की वजह कम बारिश के कारण बाजार में माल का...
More »बाढ़ से दो-दो हाथ करेंगी बहू-बेटियां
खगड़िया [निर्भय]। बाढ़ रूपी आपदा से अब नहीं होगी जानमाल की अपूर्णीय क्षति। कारण यह कि फरकिया अर्थात खगड़िया की बहू-बेटियों ने इससे दो-दो हाथ करने के लिए कमर कस ली है। यहां की 30 महिलाएं बाढ़ में बचाव को लेकर बूढ़वा घाट के समीप 'हिलकोर' मारती बागमती में एक जुलाई से ट्रेनिंग ले रही हैं। इन्हें न केवल बाढ़ के डूबते हुए लोगों को बचाने की, बल्कि सांप...
More »