SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 7339

पत्रकारों के लिए सुनहरा मौका: एनएफआई का मीडिया अवार्ड कार्यक्रम, आवेदन की आखिरी तारीख अब 10 जनवरी 2019 तक

नेशनल फाउंडेशन फॉर इंडिया ने अपने नेशनल मीडिया अवार्ड कार्यक्रम 2019 के लिए आवेदन आमंत्रित किए हैं. यह अवार्ड कार्यक्रम युवा और पत्रकारिता के क्षेत्र में कुछ सालों तक योगदान कर चुके पत्रकारों के लिए है. अवार्ड कार्यक्रम के जरिए चयनित पत्रकार राष्ट्रीय महत्व के वैसे मुद्दों पर अपने शोध आलेख/ या फोटो-लेख प्रकाशित कर सकेंगे जिनपर मीडिया में पर्याप्त ध्यान नहीं दिया गया है. अवार्ड कार्यक्रम में गहरी छान-बीन पर आधारित...

More »

किसके कब्जे में हैं विश्वविद्यालय-- रविभूषण

इस वर्ष आठ फरवरी को पंकज चंद्रा (कुलपति, अहमदाबाद विवि) की पुस्तक 'बिल्डिंग यूनिवर्सिटीज दैट मैटर: ह्वेयर आर इंडियन इंस्टीट्यूशंस गोइंग रॉन्ग' ओरिएंट ब्लैकवासन से प्रकाशित हुई है. भारतीय विश्वविद्यालयों की कार्य-पद्धति को समझने के लिए और क्या उसे बदलने की जरूरत भी है, इसे जानने-समझने के साथ इस पर विचार करने के लिए यह एक जरूरी पुस्तक है, जिसे प्रत्येक विवि के कुलपति और उसके प्रमुख अधिकारियों को...

More »

आर्थिक उन्नति में सब हों हिस्सेदार-- कार्तिक मुरलीधरन

भारत में केंद्र और राज्य सरकार अपने लोक-कल्याण कार्यक्रमों पर काफी ज्यादा खर्च करती हैं, लेकिन इन कार्यक्रमों के कार्यान्वयन में कई कमजोरियां हैं। प्रशासनिक लागत, लीकेज (रिसाव) और लाभार्थियों की पहचान में गलतियों को जोड़कर सरकारी आंकड़े खुद बताते हैं कि योजनाओं पर खर्च होने वाली रकम का बड़ा हिस्सा लाभार्थियों तक नहीं पहुंचता है। कई प्रमुख अर्थशास्त्रियों ने यह सुझाव दिया है कि भारत में गरीबी कम करने की...

More »

धन के पर्व पर निवेश की बात- आलोक पुराणिक

सेंसेक्स, यानी मुंबई शेयर बाजार का संवेदनशील सूचकांक, जिसमें देश की शीर्ष तीस कंपनियों के शेयरों के भावों का अंदाज मिलता है। अगर किसी ने करीब एक साल पहले के मुंबई शेयर बाजार के सूचकांक में पैसे लगाए हों, तो वह करीब तीन प्रतिशत के रिटर्न पर बैठा है। यह रिटर्न बहुत ही खराब माना जाएगा। हाल के कुछ महीने शेयर बाजार के लिए बहुत खराब बीते हैं, क्योंकि...

More »

ऐसे तो नहीं खत्म होगा प्रदूषण- प्रार्थना बोराह

दिल्ली-एनसीआर की हवा के बेहद खतरनाक स्तर पर पहुंचते ही सरकार हरकत में आ गई है। कहा गया है कि अगर वायु गुणवत्ता सूचकांक इसी हद तक खतरनाक बना रहा, तो निजी गाड़ियों पर प्रतिबंध और निर्माण-कार्यों पर पूरी तरह रोक लगाई जा सकती है। इस तरह के आपात उपायों की हमें जरूरत भी है, क्योंकि हमारे आसपास की आबोहवा विषैली बन चुकी है और हर कोई सांस की समस्या,...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close