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पदयात्रा, पंचायत और पैंतरेबाजी- (रिपोर्ट अतुल चौरसिया, तहलका)

कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी की हालिया पदयात्रा का एक मकसद साफ है, यह किसानों के हितों से ज्यादा चुनावी हितों को समर्पित थी. लेकिन राजनीति के ऐसे दौर में जब नेता गाड़ियों-बंगलों के बाहर झांकना ही नहीं चाहते, क्या उनकी यात्रा को सिर्फ अवसरवादी कहकर नकार दिया जाए? अतुल चौरसिया की रिपोर्ट पदयात्राएं और रथयात्राएं बहुत उत्पादक होती हैं. चुनावी शुभ-लाभ के लिहाज से. अतीत इसका दस्तावेज है. जिन लोगों ने...

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मछली बीज उत्पादन का हब बनेगा मधुबनी

मधुबनी । ‘पग-पग पोखरी माछ मखान, मधुर बोल मुस्की मुख पान’ के लिए प्रसिद्ध मिथिलांचल का मधुबनी एक बार फिर से संपूर्ण मिथिलांचल को मछली खिलाने के लिए तैयार हो रहा है। राज्य में मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के लिए निजी क्षेत्र का 72 हेचरी शुरू हो गया है। इसमें सर्वाधिक 21 हेचरी मधुबनी क्षेत्र में है। एक हेचरी में 10 मिलियन मत्स्य बीज का उत्पादन होगा। मत्स्य उत्पादन में...

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पंचायतों की होगी अपनी वेबसाइट

रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य के सभी स्थानीय निकायों की वेबसाइट बनाने का फैसला किया है, जिसके माध्यम से लोगों तक सही जानकारी पहुंचाई जाएगी। आधिकारिक सूत्रों ने शनिवार को यहा बताया कि छत्तीसगढ़ की पंचायती राज संस्थाओं की जानकारी एक ही जगह उपलब्ध कराने और पंचायतों की उपलब्धिया जनता के सामने लाने का प्रयास किया जा रहा है। इसके लिए छत्तीसगढ़ की सभी 18 जिला पंचायतों, 146 जनपद पंचायतों...

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भू-अधिग्रहण पर जनता से राय लेगी केंद्र सरकार

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली नवनियुक्त केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश ने भूमि अधिग्रहण विधेयक के मसौदे पर सार्वजनिक बहस कराने का फैसला किया है। यही नहीं जनता की राय लेने के लिए मसौदे को अगले सप्ताह तक सार्वजनिक कर दिया जाएगा। रमेश की प्राथमिकता सूची में भूमि अधिग्रहण सबसे ऊपर है। उनका मानना है कि किसानों को उनकी भूमि का मुआवजा देने के साथ यह देखना भी जरूरी है...

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छत्तीसगढ़ में एसपीओ और सुप्रीम कोर्ट - कनक तिवारी

जुलाई 2011 को सुप्रीम कोर्ट के माननीय न्यायमूर्ति सेवानिवृत्त होते बी. सुदर्शन रेड्डी और सुरेन्दर सिंह निज्जर की पीठ ने ऐतिहासिक फैसला देते हुए छत्तीसगढ़ शासन के उन आदेशों को निरस्त कर दिया है, जिनके अनुसार बस्तर में नक्सलियों से निपटने के लिए विशेष पुलिस कर्मी (एसपीओ) को भरती कर मजबूर, गरीब और लगभग अशिक्षित आदिवासी युवकों के हाथों में कथित आत्मसुरक्षा के नाम पर बंदूकें थमा दी गई थीं....

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