झारखंड बने 13 साल से अधिक हो चुके हैं, पर यह आज भी अति पिछड़े राज्यों की गिनती में आता है. किसी भी राज्य के विकास में केंद्रीय सहायता का विशेष योगदान होता है. झारखंड में केंद्रीय सहायता की अपर्याप्त मात्र की वजह से आधारभूत संरचनाओं के निर्माण को गति नहीं मिल पायी. झारखंड के निर्माण के समय भी राज्य में आधारभूत संरचनाओं की अत्यधिक कमी थी. साथ ही राज्य शिक्षा, स्वास्थ्य,...
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शताब्दी निजी नलकूप योजना शुरू
पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि जब तक सिंचाई के लक्ष्य को हासिल नहीं किया जाता, तब तक कृषि रोड मैप के तहत निर्धारित लक्ष्य की प्राप्ति संभव नहीं है. मंगलवार को लघु जल संसाधन विभाग की दो सौ करोड़ की लागत से पूर्ण हो चुकी योजनाओं का उद्घाटन व 277 करोड़ से बननेवाली दूसरी योजनाओं का शिलान्यास करते हुए उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षो में बिहार ने...
More »गालिब! गुजरात का ख्याल अच्छा है- चंदन श्रीवास्तव
मिर्जा गालिब को लगता था कि जन्नत, एक ख्याल ही सही मगर दिल को बहलाये रखने के लिहाज से ‘यह ख्याल अच्छा है’. वैसे, ऐसा कहते हुए उनके दिल में कोई कांटा जरूर चुभता रहा होगा. तभी उन्होंने अपने मशहूर शे’र में जन्नत से दोहरा बदला लिया. एक तो उसे महज ख्याल भर बताया और साथ में यह भी जोड़ दिया कि- सबको मालूम है जन्नत की हकीकत.. यहां गालिब की बात...
More »मोटहन की खेती पर नकदी फसलों का ग्रहण
पोषक-तत्वों से भरपूर और वर्षा-सिंचित इलाकों में ऊपज के लिए अनुकूल रागी, ज्वार, बाजरा, सांवा, कोदो, चीना और कुटकी जैसे मोटहन के उत्पादन में भारत का स्थान दुनिया में अव्वल है लेकिन इन फसलों का उत्पादन-क्षेत्र 1961 से 2012 के बीच घटता गया है। हाल ही में जारी नेशनल अकेडमी ऑव एग्रीकल्चरल साइसेंज के नीति-पत्र रोल ऑव मिलेटस् इन न्यूट्रिशनल सिक्युरिटी ऑव इंडिया के अनुसार साल 1955-56 में मोटहन की खेती...
More »संविधान लागू कीजिए गांव बन जायेंगे गणराज्य- राहुल सिंह
हमारा संविधान राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के गांव को स्वावलंबी व उन्हें एक स्वायत्त शासन इकाई बनाने के सपने के अनुरूप है. हमारे गांव ऐसे हों, जो अपने फैसले खुद लें और अपनी जरूरत की अधिक से अधिक चीजों का उत्पादन खुद करें. संविधान में ग्राम पंचायत को एक स्वायत्त शासन इकाई के रूप में स्थापित करने के लिए विधानमंडल को सभी जरूरी उपाय करने का कहा गया है. भारत के...
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