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छत्तीसगढ़ : सूखने लगा जमीन का गला, गहरा रहा पानी का संकट

रायपुर । मुश्किल स्थिति में बिना बुनियादी सुविधाओं के भी जीवन गुजारना संभव है, लेकिन पानी के बगैर जीवन की कल्पना भी बेमानी है। गर्मी शुरू होते ही फिर जमीन का गला सूख रहा। राज्य के शहरों से लेकर गांवों तक पानी की कमी का असर भी दिखने लगा है। कई इलाकों में जलसंकट शुरू हो गया है। नईदुनिया राज्य के कुछ प्रमुख शहरों और जिलों में पेजयल व्यवस्था का...

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जहरीला होता जमीन का पानी-- पंकज चतुर्वेदी

जमीन में पानी का अकूत भंडार है। यह पानी का सर्वसुलभ और स्वच्छ स्रोत है। लेकिन यदि एक बार दूषित हो जाए तो इसका परिष्करण लगभग असंभव होता है। भारत में जनसंख्या बढ़ने के साथ घरेलू इस्तेमाल, खेती और औद्योगिक उपयोग के लिए भूगर्भ जल पर निर्भरता बढ़ती जा रही है। जमीन से पानी निकालने की प्रक्रिया ने भूजल को खतरनाक स्तर तक जहरीला बना दिया है। इसके लिए समाज...

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नौनिहालों की फिक्र किसे है--- देवेन्द्र जोशी

हाल ही में आई यूनिसेफ की रिपोर्ट चेताती है कि नवजात शिशुओं की मृत्यु दर के मामले में भारत की स्थिति अत्यंत चिंताजनक है। भले ही इस मामले में हम पाकिस्तान से बेहतर स्थिति में हों, लेकिन हमारी स्थिति बांग्लादेश, नेपाल और भूटान से भी बदतर है। भारत नवजात शिशुओं की मृत्यु दर के मामले में इथियोपिया, गिनी-बिसाऊ, इंडोनेशिया, नाइजीरिया और तंजानिया के समकक्ष खड़ा दिख रहा है। भारत में...

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पत्थलगड़ी : यूसुफ पूर्ति ने कहा- वर्जित क्षेत्र में घुस कर सीएम व प्रशासन कर रहे तानाशाही

खूंटी : खूंटी के भंडरा में पत्थलगड़ी के एक वर्ष पूरे होने पर शुक्रवार को स्थानीय बाजारटांड़ में सभा का आयोजन किया गया. इसमें वक्ताओं ने ग्राम सभा को सशक्त करने, पांचवीं अनुसूची क्षेत्र में रुढ़िवादी परंपरा से शासन व्यवस्था संभालने की बात कही. आदिवासियों से एकजुट होने की अपील की. सभा के दौरान वीर बिरसा मुंडा के जयकारे लगाये गये. सभा स्थल के चारों तरफ तीर-धनुष से लैस...

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सामाजिक एका का अधूरा एजेंडा - (कै.) आर विक्रम सिंह

हमारे राजनीतिक परिदृश्य में संभावनाओं, नेतृत्व एवं विकल्पों की बहुतायत है। इस बहुतायत से हम भलीभांति परिचित हैं और साथ ही इससे भी अवगत हैं कि हमारे पास धार्मिक नेतृत्व भी है, जो धर्म एवं हमारी परंपराओं के बारे में मार्गदर्शन देता रहता है। इन दोनों के मध्य एक बहुत बड़ा रिक्त क्षेत्र है, जो समाज का है। अपने यहां सामाजिक नेतृत्व का अकाल-सा है। समाज का एकीकरण किसी का...

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