फिल्म ‘पीपली लाइव' का एक गीत काफी लोकप्रिय हुआ था। इस गीत के माध्यम से एक प्रमुख सामाजिक-आर्थिक समस्या महंगाई की ओर ध्यान आकर्षित करने का प्रयास किया गया है। गीत के बोल हैं- ‘सइयां तो बहुत कमात हैं, महंगाई डायन खाए जात है।' यानी रात-दिन काम करने के बावजूद कमाई की अपेक्षा महंगाई कई गुना अधिक बढ़ती जा रही है। इसलिए घर में जो जरूरी पदार्थ आने चाहिए, वे...
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कैसे करें सूखे का सामना-- बाबा मायाराम
पिछले साल किसान सूखे की मार झेल चुके हैं। इस साल फिर सूखा पड़ गया। जबकि कुछ वर्षों से किसान निरंतर संकट में हैं। उनकी हालत पहले से ही खराब है। इस वर्ष सूखे ने उन्हें गहरे संकट में डाल दिया है। भारतीय मौसम विभाग की भविष्यवाणी सही निकली है। खुद कृषि मंत्रालय ने स्वीकार कर लिया है कि सामान्य से पंद्रह-सोलह फीसद कम बारिश हुई। इससे खरीफ की फसल...
More »सबके लिए पैसा है, पर किसानों के लिए नहीं - देविंदर शर्मा
मानसून खत्म हो चुका है। 14 प्रतिशत कम बारिश हुई है और देश में फसल वाले ऐसे करीब 39 फीसद इलाके हैं, जहां बिलकुल सूखा है। उम्मीद थी कि रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन किसानों के लिए वित्तीय लाभों और ऋण भुगतानों में छूट की श्रंखला की घोषणा करेंगे। इसकी जगह रघुराम राजन ने पिछले हफ्ते व्यावसायिक बैंकों के उधार देने की ब्याज दरों में काफी कटौती करने वाली...
More »दमाेह जिले में फसल बर्बाद होने से परेशान किसान ने किया आत्मदाह
दमोह। पथरिया के एक किसान ने फसल खराब होने से परेशान होकर आत्मदाह कर लिया, जिससे किसान की मौत हो गई। पुलिस ने मर्ग कायम कर जांच शुरू कर दी है। जानकारी के अनुसार पथरिया के वार्ड 15 के निवासी ललन यादव ने शुक्रवार सुबह अपने खेत में आग लगाकर आत्महत्या कर ली। परिजनों के अनुसार ललन पिछले कई दिनों से फसल खराब होने से परेशान था। ...
More »कर्ज से परेशान किसान ने फांसी लगाकर जान दी
उज्जैन। कर्ज से परेशान एक किसान ने मंगलवार सुबह फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है। उस पर करीब डेढ़ लाख रुपए का कर्ज था। पुलिस मामले की जांच कर रही है। भैरवगढ़ टीआई राकेश कुमार नैन ने बताया मृतक का नाम मदनलाल पिता नाथूजी (45) निवासी ग्राम पिपलिया हामा है। वह सुबह करीब साढ़े पांच बजे खेत जाने का बोलकर निकला था। काफी देर तक घर नहीं पहुंचा तो बेटा मेहरबान...
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