जनसत्ता 2 जुलाई, 2012: भोजन की बरबादी को सामाजिक प्रतिष्ठा माना गया है। उत्तर भारत की एक कहानी इस पाखंड को बखूबी बयान करती है। पिता ने अपने पुत्र को समझाया कि जब भी किसी और के घर आयसु (न्योता) खाने जाओ तो थोड़ा-बहुत भोजन छोड़ दिया करो। बेटे ने पूछा, पिताजी ऐसा क्यों? पिता ने समझाया कि बेटा, वह इज्जत है। आयसु खाते समय बेटे को पिता की हिदायत भूल...
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बिहार पर मंडरा रहे हैं सूखे के बादल!
पटना| बिहार के कुछ जिलों में एक बार फिर सुखे का अंदेशा बना हुआ है। बारिश के लिए विख्यात आषाढ़ का महीना बीत गया और सावन आने वाला है, लेकिन राज्य के कुछ इलाकों को छोड़ दिया जाए तो अब तक आसमान पर काले मेघ देखने को नहीं मिले हैं। मौसम विभाग के अनुसार, बिहार में अब तक सामान्य से 44 प्रतिशत कम बारिश हुई है। मौसम विभाग का कहना है कि 31...
More »मुंह फेरता मॉनसून खतरे की घंटी ।। कमलेश कुमार सिंह ।।
नयी दिल्ली : वैश्विक और घरेलू मोर्चो पर आर्थिक संकट की इस घड़ी में मॉनसून से राहत की उम्मीदें थीं, लेकिन मौसम विभाग की ताजा भविष्यवाणी इस उम्मीद पर भी पानी फेरती नजर आ रही है. मौसम विभाग, पुणे का कहना है कि देश को इस बार बीते 30 सालों के सबसे खराब मॉनसून का सामना करना पड़ सकता है. जानकार इसे अर्थव्यवस्था के लिए खतरे की घंटी मान रहे हैं. कृषि...
More »मानसून की आस देख रहे हैं, तो अब छोड़ दीजिए
इंदौर। प्रदेश में मानसून के लिए अब भी एक सप्ताह से ज्यादा इंतजार करना होगा। बंगाल की खाड़ी के ऊपर हवा में सिस्टम बना है, जिससे उम्मीद जागी है। यह सिस्टम एक-दो दिन में जमीन पर आने की संभावना है। पहले भी एक सिस्टम बना था लेकिन उसने मध्यप्रदेश तक आते-आते दम तोड़ दिया था। यदि इस सिस्टम ने निराश नहीं किया तो जुलाई के पहले सप्ताह तक प्रदेश में मानसून...
More »आषाढ़ में सिर्फ चार दिन बाकी यूपी के खेतों में उड़ रही है धूल- विजय उपाध्याय
लखनऊ . बारिश कराने के लिए मशहूर अषाढ़ महीना बीतने में चार दिन बाकी है और उप्र के खेतों में धूल उड़ रही है। बड़े हिस्से में पानी की बूंद भी नही टपकी है। पिछले साल अषाढ़ में 169.7 मिमी वर्षा हुई जबकि इस बार अब तक महज 15.9 मिमी बारिश हुई है। राज्य के पूर्वी हिस्से में बेहद मामूली बारिश दर्ज की गई है। प्रदेश के लिए मानसून की...
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