उत्तर भारत का पहला मानव दूध बैंक राजस्थान के उदयपुर के आरएनटी मेडिकल कॉलेज के सरकारी अस्पताल पन्नाधाई राजकीय महिला चिकित्सालय में चल रहा है. इस दूध बैंक की शुरुआत अप्रैल 2013 में की गयी. यहां आधुनिक उपकरणों से सुसज्जित एक छोटे से क्लिनिक में मानव स्तन के दूध का बैंक प्रारंभ किया गया है. इसे विशेषज्ञ तरल सोना कहते हैं. यह बैंक आसपास की महिलाओं का एचआइवी और हेपटॉइटिस जैसे कुछ...
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कर्ज की फसल से आत्महत्या के आंकड़ों तक- अजय शर्मा
यह 26 फ़रवरी 2009 की बात है, तब अमरजीत कौर की बेटियां 10 और 11 साल की थीं, बेटा गोद में था. हम संगरूर में मूनक इलाक़े के गांव चोटियां में अमरजीत कौर के घर पर थे. अंदाना ब्लॉक का वही गांव जहां अकेले इसी साल आठ किसानों और खेत मज़दूरों ने क़र्ज़ के चलते ख़ुदकुशी की है. पिछले 20 साल में ख़ुदकुशी का यह आंकड़ा 63 तक चला गया है. इनमें से...
More »बुरी राजनीति की महामारी के चपेट में क्यों है उत्तर प्रदेश?
अपनी चुनावी यात्र के दौरान सुप्रिया शर्मा ने महसूस किया कि पूर्वी उत्तर प्रदेश के मतदाता आज भी जाति, समुदाय और धर्म से अलग कुछ भी सोचने को तैयार नहीं हैं, वे भी नहीं जिनके बच्चे गंभीर रूप से बीमार हैं. जाति के प्रति उनका आग्रह बहुत कुछ कहता है. पिछले हफ्ते जब मैंने महामारी वार्ड संख्या 12 का दौरा किया था तो वहां का माहौल दूसरे दिनों के मुकाबले बेहतर था. वहां...
More »गुजरात के विकास का सच- नीलांजन मुखोपाध्याय
चुनावी सरगर्मियों के बीच गुजरात में यह देखना दिलचस्प होगा कि वहां सामाजिक समावेश की दिशा में सरकार ने अब तक कौन-से कदम उठाए हैं। हाल के तमाम साक्षात्कारों में नरेंद्र मोदी यह दावा करते आए हैं कि वह अपने नागरिकों के साथ समान व्यवहार करेंगे। मगर गोधरा शहर से थोड़ी दूर रहने वाली तीन मुस्लिम लड़कियों की कहानी गुजरात सरकार के दावे से ठीक उलट है, जो इस चुनाव...
More »घरेलू कामगार: अर्थव्यवस्था का अंधेरा कोना- जैनेन्द्र कुमार
राजधानी दिल्ली में बीते दिनों एक सांसद और उसकी पत्नी पर आरोप लगा कि उन्होंने अपने घरेलू कामगार को मौत के घाट उतार दिया है. यही नहीं, कुछ पिछड़े राज्यों से देश की राजधानी में आकर घरेलू कामकाज करनेवाली महिलाओं पर अत्याचार की कहानियों से तो हम आये दिन दो-चार हो रहे हैं. क्यों होती हैं ऐसी घटनाएं, देश में घरेलू कामगारों के लिए किस तरह का है माहौल, क्या...
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