हरिकिशन शर्मा, नई दिल्ली। जिनके आंगन में हजारों वर्षों से मानव सभ्यता फली-फूली, वे ही अपना अस्तित्व" बचाने को संघर्ष कर रहीं हैं। "सभ्यता की जननी" नदियों की हकीकत आज कुछ ऐसी ही है। जो हाल गंगा-यमुना का है वैसी पीड़ा में देश की 275 नदियां हैं। सबसे चिंताजनक बात यह है कि जीवनदायिनी नदियों की हालत सुधरने के बजाय बदतर हो रही है। इनको निर्मल और अविरल बनाने की राह...
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सिंचाई सुविधा नही, किसानों ने नहीं ली टमाटर की फसल
बागबहार। सिंचाई के अभाव में प्रदेश का सबसे अधिक टमाटर उत्पादन क्षेत्र के भूमि सूखे हुए हैं। कई किसानों के टमाटर की फसल सूखकर बर्बाद हो गई और किसानों की चेहरें में मायूसी छाई है। बागबहार और पत्थलगांव क्षेत्र में पूरे प्रदेश में सबसे अधिक टमाटर की पैदावार होती है, लेकिन इस साल ज्यादातर भूमि बंजर है टमाटर उत्पादक किसान ध्यान नहीं दे रहे हैं। बागबहार क्षेत्र का किसान कार्तिक केशवर...
More »नेपाल से छूटा पानी तो उत्तर बिहार में इस बार मचेगी तबाही
बेतिया/बगहा : नेपाल के काली गंडक नदी में गिरे पहाड़ का मलवा बहने से भले ही बाढ़ का खतरा टल गया हो, लेकिन मलबे के रेत से भरे नदी की पेटी में पानी स्टोर की क्षमता में तीन लाख क्यूसेक कम हो गयी है. इसका सबसे ज्यादा प्रभाव बिहार पर आनेवाले दिनों में पड़ सकता है. ऐसे में अगर नेपाल से एक साथ छह लाख क्यूसेक पानी गंडक में...
More »पानी की वैश्विक राजनीति- डा. भरत झुनझुनवाला
पानी की अधिक खपत करनेवाली फसलों पर प्रतिबंध लगा देना चाहिए. गुलबर्गा में रागी, जोधपुर में बाजरा और उत्तर प्रदेश में चावल और गेहूं की खेती करने से हमारे जल संसाधन सुरक्षित रहेंगे और देश की खाद्य सुरक्षा स्थापित होगी. असम के मुख्यमंत्री तरुण गोगोई ने प्रधानमंत्री से आग्रह किया था कि चीन यात्र के दौरान ब्रह्म पुत्र नदी के पानी के बंटवारे के मुद्दे को हल करें. मीडिया रपटों की...
More »श्योपुर के कचरे से राजस्थान के रेगिस्तान में खेती
हरिआमे गौड, श्योपुर। श्योपुर और आस-पास के गांवों में लोग जिस कचरे को फेंक देते हैं, उससे राजस्थान के किसान रेगिस्तान में खेती कर रहे हैं। तेंदूपत्ता मिले खास किस्म के कचरे को किसान चंबल व बनास नदी के किनारे 200 से 250 बीघा जमीन में रेत के ऊपर बिछाकर कृत्रिम खेत बनाते हैं। इनमें गर्मी के सीजन में खरबूजा, ककड़ी के अलावा कई मौसमी सब्जियों की खेती कर रहे हैं।...
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