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मातृ मृत्यु को कम करने का लक्ष्य अभी दूर है

 भारत में मातृ मृत्यु को कम करने का लक्ष्य अब भी बहुत दूर है। उच्च मातृ मृत्यु अनुपात महिलाओं की खराब प्रसव स्वास्थ्य सुविधाओं के अलावा समाज में उनकी भयावह स्थिति को भी दर्शाता है। सैम्पल रजिस्ट्रेशन सिस्टम के ताजा जारी आंकडे बताते हैं कि मातृ मृत्यु अनुपात में तेजी से गिरावट आई है। मातृ मृत्यु अनुपात जहां साल 1997-98 में 398.0 था, वहीं वर्ष 2015-17 में ये आंकड़ा 122.0...

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हर चार टीबी मरीजों में से एक भारत का; कुपोषण बड़ा कारण है टीबी का

ग्लोबल ट्यूबरक्लोसिस (टीबी) रिपोर्ट 2019 की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक टीबी बीमारी के लिए पांच कारण पाए गए हैं जिसमें से सबसे बड़ा कारण अल्प पोषण का है, यानी कम भोजन मिलना। वर्ष 2018 के दौरान भारत में करीब 7 लाख टीबी मामले अल्प पोषण के कारण पाए गए हैं। अन्य चार टीबी होने के जोखिमों में शराब पीना, धूम्रपान, मधुमेह और एचआईवी का होना शामिल है। डा. शाह आलम खान (एम्स, नई...

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कीटनाशकों पर अंकुश से कम हो सकती हैं किसान-आत्महत्याएं- नई रिपोर्ट

दुनिया में आत्महत्या के हर पांच मामले में एक मामला कीटनाशक के जरिये आत्महत्या करने का होता है और आत्महत्या का यह तरीका निम्न आय-वर्ग में शामिल देशों के ग्रामीण तथा खेतिहर इलाकों में देखने को मिलता है. यह कहना है हाल ही में प्रकाशित पुस्तिका प्रीवेंटिंग स्यूसाइड: ए रिसोर्स फॉर पेस्टिसाइड रजिस्ट्रार्स एंड रेग्युलेटर का.   विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) तथा फूड एंड एग्रीकल्चर ऑर्गनाइजेशन ऑफ युनाइटेड नेशन्स (एफएओ) द्वारा संयुक्त रुप से प्रकाशित इस...

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सार्वजनिक स्वास्थ्य व्यवस्था- केसी त्यागी

मुजफ्फरपुर में ‘एक्यूट इंसेफेलाइटिस' नामक बीमारी से हुई बच्चों की मौत दर्दनाक घटना है. इसने सरकार और समाज दोनों को विचलित किया है. हालांकि, विशेषज्ञ अब तक इसे अज्ञात बीमारी बता रहे हैं, लेकिन चिकित्सकों ने भीषण गर्मी, कुपोषण और जागरूकता के अभाव आदि को इसका तात्कालिक कारण माना है. इस भीषण त्रासदी पर दलगत राजनीति भी हुई और मीडिया का बाजार भी गरमाया. मीडिया के एक वर्ग द्वारा राज्य...

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दूषित पेयजल: बिहार, बंगाल और यूपी आर्सेनिक मिले पेयजल से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य

जल-संसाधन मंत्रालय की एक नई रिपोर्ट के मुताबिक देश की सघन आबादी वाले आठ राज्यों में भूमिगत जल विषैले रसायन आर्सेनिक से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं. रिपोर्ट में असम, बिहार, गुजरात, हरियाणा, मध्यप्रदेश, पंजाब, उत्तरप्रदेश तथा पश्चिम बंगाल के आर्सेनिक प्रभावित इलाकों पर विशेष चर्चा की गई है.   कुएं तथा चापाकल से लिए गये पानी के नमूने में आर्सेनिक की 0.01 से 0.05 मिलीग्राम प्रतिलीटर सांद्रता के आधार पर रिपोर्ट में देश के...

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