हिमाचल प्रदेश के कसौली में एक होटल मालिक ने अवैध निर्माण हटाने आईं सहायक नगर नियोजन अधिकारी शैलबाला की जिस तरह गोली मारकर हत्या कर दी, वह अपराध की सामान्य घटना नहीं है। शैलबाला को गोली मारने वाले होटल मालिक ने पहले ले-देकर अपने अवैध निर्माण को बचाने की कोशिश की। जब वह नाकाम रहा तो उसने पुलिस की मौजूदगी में सहायक नगर नियोजन अधिकारी की हत्या कर दी। यह...
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आर्थिक प्राणवायु बनी नकदी-- मोहन गुरुस्वामी
देश के विभिन्न हिस्सों में एटीएम नकदी से रिक्त पड़े हैं और आम आदमी बेहाल है. तेलंगाना तथा आंध्र प्रदेश में हालात ज्यादा कठिन हैं, जिनकी सीमाएं बड़े दांववाले आसन्न चुनावों के राज्य कर्नाटक से लगी हैं. इस किल्लत की सहज व्याख्या तो यही नजर आती है कि उपलब्ध नकदी कर्नाटक की जनता को सुशासन देने की स्पर्धा में लगे बड़े पक्षों के सुरसाकार मुखों का ग्रास बन गयी...
More »चंपारण से निकला रास्ता- राजू पांडेय
चंपारण सत्याग्रह नील की खेती करने वाले किसानों के अधिकारों के लिए संगठित संघर्ष के रूप में विख्यात है। इसके एक सदी बाद भी देश का किसान बदहाल है। 2010-11 के आंकड़ों के अनुसार, देश के 67.04 प्रतिशत किसान परिवार सीमांत हैं जबकि 17.93 प्रतिशत कृषक परिवार लघु की श्रेणी में आते हैं। सरकार ने संसद को राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण द्वारा जुलाई 2012 से जून 2013 के संदर्भ में संकलित...
More »मजदूरों के संघर्ष ने बोए उम्मीद के बीज-- बाबा मायाराम
पिछले कुछ समय से भ्रष्टाचार के छोटे-बड़े कई घोटाले सामने आए हैं। यह एक बड़ी बीमारी की तरह फैल गया है। वैसे तो हर तरह का भ्रष्टाचार समाज व देश के लिए नुकसानदेह है पर गरीबों पर इसका हमला उनसे रोजी-रोटी छीन लेता है। व्यक्तिगत रूप से वे इस भ्रष्टाचार को रोकने में असहाय महसूस करते थे पर सामूहिक रूप से उसे रोकने में कामयाब हो गए। इसका अच्छा...
More »भुखमरी के साए में-- रमेश सर्राफ धमोरा
मानव जाति की मूल आवश्यकताओं की बात करें तो रोटी, कपड़ा और मकान का ही नाम आता है। इनमें रोटी सर्वोपरि है। रोटी यानी भोजन की अनिवार्यता के बीच आज विश्व के लिए शर्मनाक तस्वीर यह है कि वैश्विक आबादी का बड़ा हिस्सा अब भी भुखमरी का शिकार है। भुखमरी की इस समस्या को भारत के संदर्भ में देखें तो संयुक्त राष्ट्र द्वारा भुखमरी पर जारी रिपोर्ट के अनुसार दुनिया...
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