एक वयस्क व्यक्ति से पूछा जानेवाला सबसे वाजिब सवाल है कि वह अपने जीवन का क्या करना चाहता है. लेकिन, भारतीय स्त्री को कभी इतना वयस्क समझा नहीं गया कि उससे यह सवाल पूछा जाये. बचपन से लेकर शादी के बाद तक उसे इस सवाल का जवाब खुद तलाशने की न इजाजत होती है न अवसर. उसे क्या बनना है और क्या करना है- यह परिवार, समाज, धर्म, स्कूल जैसी...
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'नेट न्यूट्रैलिटी' है जरूरी, इंटरनेट पर क्यों हो किसी का एकाधिकार?
भारत में इंटरनेट का उपयोग करनेवालों की संख्या पिछले साल ही 35.4 करोड़ से अधिक हो चुकी थी. इसमें करीब 60 फीसदी इसका इस्तेमाल मोबाइल फोन पर करते हैं. यह संख्या लगातार बढ़ रही है. लेकिन, इंटरनेट तक सभी लोगों की पहुंच समान रूप से रहे या किसी कंपनी को अलग-अलग वेबसाइट्स के लिए अलग-अलग दरें और स्पीड तय करने का एकाधिकार मिले, इस पर इन दिनों जोरदार बहस...
More »खुदरा व्यापारियों के बदलने का वक्त-- राजीव रंजन झा
देशभर के गल्लों पर बैठे सेठ जी आजकल ऑनलाइन आक्रमण से परेशान हैं. ऑनलाइन रिटेलरों ने त्योहारी मौसम को लूट लिया है. खरीदारी की उस धूम को हथिया लिया है, जो हर साल खुदरा दुकानों पर उमड़ा करती थी. इसीलिए खुदरा व्यापारियों के संगठन ने इनके खिलाफ मोर्चा खोल रखा है और इनके विरुद्ध नीतिगत व कानूनी विरोध से लेकर खुद उनके ही मंच पर, यानी ऑनलाइन बाजार में अपनी...
More »क्या मुफ्त इंटरनेट देने के नाम पर आपको ठग रहा है internet.org?
जयपुर। सोशल नेटवर्किग वेबसाइट फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग की नॉन-प्रॉफिट ऑर्गेनाइजेशन इंटरनेट डॉट ओआरजी का प्रमोशन इन दिनों टीवी पर खूब देखा जा रहा है। यह प्रमोशन लुभाए भी क्यों न, आखिर इसमें सभी को मुफ्त इंटरनेट देने का वादा जो किया गया है, पर या इस वादे में दम है? क्या सच में जुकरबर्क रिलायंस टेलिकॉम के साथ मिलकर इंटरनेट चैरिटी पर निकल पड़े हैं? इस पोस्ट में...
More »डिजिटल इंडिया-- बहुत कठिन है डगर पनघट की
अगर आप सोचते हैं कि देश के ढाई लाख पंचायतों को तेज गति के इंटरनेट से जोड़कर नागरिकों को जरुरी सेवा ऑनलाइन प्रदान करने का डिजिटल इंडिया मिशन शीघ्र साकार होने वाला सपना है तो नीचे लिखे तथ्यों पर गौर कीजिए-- यंगिस्तान कहलाने वाले हिन्दुस्तान के गंवई इलाकों में 14-29 साल के 82 फीसदी व्यक्ति कंप्यूटर चलाना नहीं जानते. शहरी अंचलों में ऐसे व्यक्तियों की की तादाद 50 प्रतिशत (51 फीसदी)...
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