बीते 23 सितंबर को प्रधानमंत्री द्वारा आयुष्मान भारत- प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी-पीएमजेएवाई) की शुरुआत की गयी, जिसे कई लोगों ने विश्व का सबसे बड़ा सामाजिक स्वास्थ्य कार्यक्रम बताया है. पिछली बीमा योजनाओं से प्राप्त अनुभवों एवं इस योजना को लेकर उपजे भ्रमों की वजह से अभी इससे ज्यादा उम्मीदें करना गैरजरूरी है. यह योजना इस सरकार द्वारा अपने कार्यकाल के अंतिम चरण में लागू की गयी है, जब...
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गरीबी इतनी कि परिजन ने कैदी की लाश लेने से किया इनकार
बिलासपुर। हत्या के मामले में सजा काट रहे कैदी के परिजन को आर्थिक तंगी इतनी है कि उसकी मौत होने पर अंतिम संस्कार करने के लिए भी रकम जुटाना मुश्किल हो गया। इसके चलते सूचना के बाद परिजन ने जेल प्रशासन से गुहार लगाई कि नियमानुसार उसकी अंत्येष्टि कर दी जाए। उनकी हालत को देखते हुए जेल प्रशासन ने कफन-कफन कराया। मुंगेली जिले के जरहागांव थाना क्षेत्र के ग्राम पदमपुर निवासी...
More »गैर आदिवासियों को जमीन न बेच पाने के कानून से परेशान हो रहे आदिवासी
रायपुर। आदिवासियों के हितों की रक्षा के लिए बने कानून अब उनके लिए परेशानी का सबब बन रहे हैं। 1959 में भू-राजस्व संहिता लागू हुई तो प्रावधान किए गए कि आदिवासी की जमीन कोई गैर आदिवासी नहीं ले सकता। यह भी कानून बनाया गया कि अगर किसी आदिवासी के पास पांच एकड़ से कम भूमि है तो वह आदिवासी को भी अपनी भूमि बिना कलेक्टर की अनुमति के नहीं बेच सकता। अब...
More »बेबस मरीज और लूट का इलाज--- अश्विनी शर्मा
एक समय था जब लूट सामंती व्यवस्था द्वारा होती थी और अपनी जान की सलामती के लिए ज्यादातर लोग विरोध नहीं कर पाते थे। वह सामंती व्यवस्था समाप्त हो चुकी है और आज भारत विश्व-पटल पर अपनी अलग पहचान बनाने की कोशिश कर रहा है। लेकिन आम आदमी के साथ लूट का सिलसिला आज भी जारी है। बस, इस लूट के तरीके बदल गए हैं। अब यह लूट बैंकों के...
More »टीबी से निजात पाने की चुनौती-- अरविन्द कुमार सिंह
यह बेहद चिंताजनक तथ्य है कि दुनिया भर में टीबी (तपेदिक) की राजधानी कहे जाने वाले भारत में इस वर्ष पंद्रह लाख से ज्यादा नए तपेदिकमरीजों की पहचान हुई है। यह खुलासा खुद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की रिपोर्ट से हुआ है, जिसमें कहा गया है कि 2017 में 1 जनवरी से लेकर 5 दिसंबर के बीच 15,18,008 मरीज मिले हैं। इनमें से 12,05,488 मरीजों की पहचान सरकारी अस्पतालों से हुई...
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