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जानें कैसे हवा को ठंडा करने की तकनीकें पृथ्वी को गर्म कर रही हैं?

-इंडियास्पेंड, क्या आप जानते हैं कि एयर कंडीशनर जैसी रेफ्रिजेरेशन और कूलिंग तकनीकें 100 करोड़ टन से अधिक कार्बन-डाइऑक्साइड उत्सर्जन (CO2) करती हैं? ये आंकड़े जापान के उत्सर्जन के बराबर हैं, जो 2018 में दुनिया का पांचवां सबसे बड़ा कार्बन-डाइऑक्साइड उत्सर्जक देश था। भारत ने ऊर्जा-बचत और जलवायु-अनुकूल कूलिंग तकनीकों के लिए एक इंडिया कूलिंग एक्शन प्लान (ICAP) तैयार किया गया था, लेकिन विशेषज्ञों के मुताबिक, इसके लॉन्च होने के दो...

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MSP देने से देश दिवालिया नहीं होने वाला, बंद करें बहानेबाजी

-द प्रिंट, देश के शासक-वर्ग के सिर पर एक प्रेत मंडरा रहा है—एमएसपी यानी न्यूनतम समर्थन मूल्य का प्रेत. बीते कुछ दिनों के भीतर इस शासक-वर्ग के अलग-अलग तबके, मतलब भारतीय जनता पार्टी के सियासी साथी, मुक्त-बाजार की पैरोकारी में लगे आर्थिक जगत के विचारक और पर्यावरण-प्रेम के नाम पर जेहादी तेवर दिखाने वाले कुछ योद्धा साठगांठ में लगे हैं. इन लोगों ने धूनी रमा ली है और मंत्र फूंक रहे...

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खेती के संबंध में कुछ बड़ी भ्रांतियां और किसान आंदोलन पर उनका प्रभाव

-न्यूजक्लिक, भारतीय खेती के संबंध में अनेक भ्रांतियां हैं, जिन्हें अगर फौरन दूर नहीं किया जाता है तो उनका, तीन कृषि कानूनों के खिलाफ इस समय चल रहे किसान आंदोलन पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है। इनमें पहली भ्रांति तो इस धारणा में ही है कि किसानी खेती पर कार्पोरेट अतिक्रमण तो ऐसा मामला है जो बस कार्पोरेट अतिक्रमणकारियों और किसानों से ही संबंध रखता है। यह गलत है। किसानी खेती...

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मीठा देने वाले गन्ना मजदूर एक-एक निवाले को मोहताज क्यों?

-कारवां, एक तरफ, देश की राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर किसान केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन कर रहे हैं, दूसरी तरफ महाराष्ट्र के मराठवाड़ा में शोषण का ऐसा जाल बिछा हुआ है, जो हमें दिखाई तो नहीं देता है लेकिन दिन-ब-दिन अधिक फैलता और कसता जा रहा है. गन्ने की खेती के इस जाल में फंसे मजदूर और छोटे किसान अपनी बेबसी का रोना रो रहे हैं....

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किसान आंदोलन: दायरा बढ़ाकर राष्ट्रीय मंच बनाने की जरूरत

-रूरल वॉइस, किसान नेता राकेश टिकैत ने कुछ महीने पहले कहा था कि अगर उनकी मांगों को नहीं माना गया तो साल 2024 तक किसान दिल्ली के बॉर्डरों पर धरने पर बैठने को तैयार हैं ।  टिकैत ने यह बयान तब दिया था जब किसान नेताओं औऱ सरकार  के बीच  लगातार बढ़ती  तनातनी के बीच जनवरी के बाद से सरकार  की तरफ  से औपचारिक बातचीत भी बंद हो गई । लेकिन...

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