मोनाश विश्वविद्यालय, ऑस्ट्रेलिया में सेंटर फॉर डेवलपमेंट इकोनॉमिक्स एंड सस्टेनेबिलिटी के अर्थशास्त्रियों और नई दिल्ली स्थित मानव विकास संस्थान द्वारा संयुक्त रूप से किए गए एक सर्वेक्षण आधारित शोध के अनुसार, महामारी की पहली लहर ने पिछले साल बिहार में ग्रामीण श्रमिकों (स्व-रोजगार सहित) की आजीविका पर विनाशकारी प्रभाव डाला था. अध्ययन के लेखकों द्वारा जारी एक हालिया प्रेसनोट से पता चलता है कि पिछले साल ग्रामीण बिहार में आजीविका...
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IFPRI रिपोर्ट: सरकार को महामारी के दौरान पोषण सहायता, शिक्षा और नौकरियों के मामले में सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए!
अंतर्राष्ट्रीय खाद्य नीति अनुसंधान संस्थान (आईएफपीआरआई) की एक हालिया रिपोर्ट में कहा गया है कि 25 मार्च, 2020 को किए गए देशव्यापी लॉकडाउन, जिसे लगभग दो महीने के लिए चरणों में बढ़ाया गया था, ने भारतीय आबादी के कमजोर वर्गों के भोजन और पोषण की स्थिति को प्रभावित किया. इस रिपोर्ट में कहा गया है कि मिड-डे मील योजना जैसे कार्यक्रम से देश के प्राथमिक-विद्यालय आयु वर्ग के 80 प्रतिशत...
More »जच्चा-बच्चा सर्वे: गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं का एक बड़ा हिस्सा अभी भी मातृत्व लाभ से वंचित है
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 मातृत्व लाभ के लिए गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए केंद्र सरकार द्वारा 6,000 रुपए/ - प्रति बच्चा की गारंटी देता है. इस अधिनियन में वह शामिल नहीं हैं, जो केंद्र सरकार या राज्य सरकारों या सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के साथ या अन्य कानूनों के तहत नियमित रोजगार में रहते हुए इस तरह के लाभ उठा रहे हैं. एनएफएसए-2013 भी कानूनी...
More »अजीब शिक्षा व्यवस्था: निवेश मनुष्य में नहीं, प्रतिभा में
-सत्यहिंदी, ऐश्वर्या रेड्डी की आत्महत्या के बाद शुरू हुई बहस, कितनी ही यंत्रणादायक हो, क्षणिक होकर न रह जाए, यह आशा की जानी चाहिए। और यह कि वह सतही भर भी न हो। तेलंगाना से दिल्ली के प्रतिष्ठित लेडी श्रीराम कॉलेज में पढ़ने आई ऐश्वर्या को कॉलेज से दूर अपने घर में आत्महत्या ही उस विषम स्थिति से निकलने का रास्ता मालूम पड़ा जो शिक्षा ने उसके लिए पैदा कर दी...
More »पेरेंट्स चाहते हैं कि स्कूल फिर से खुलें, ऑनलाइन कक्षाएं कारगर नहीं- अज़ीम प्रेमजी यूनिवर्सिटी की स्टडी
-द प्रिंट, बेंगलुरू स्थित अज़ीम प्रेमजी यूनिवर्सिटी की पांच राज्यों में की गई एक स्टडी में पता चला है कि पब्लिक स्कूलों में ऑनलाइन शिक्षा कारगर साबित नहीं हो रही है और स्कूलों के फिर से खुलते ही पेरेंट्स अपने बच्चों को स्कूल भेजना चाहते हैं. मिथ्स ऑफ ऑनलाइन एजुकेशन नामक इस स्टडी में, मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तराखंड, कर्नाटक और छत्तीसगढ़ में 1,522 पेरेंट्स और 398 टीचर्स से सवाल किए गए थे. सोमवार...
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