हमारे-आपके लिए कौन गरीब है इसे अपने आसपास पहचानना कठिन नहीं है। लेकिन जब सरकार की ओर से गरीबों की औपचारिक पहचान की बात आती है तो समस्या बढ़ जाती है। वास्तव में भारत में कौन गरीब है इसके निर्धारण का प्रश्न एक जटिल पहेली की तरह हमारे सामने लंबे समय से खड़ा है। गरीबी तय करने को लेकर समय-समय पर कुछ मानक निर्धारित किए गए और उनके आधार पर...
More »SEARCH RESULT
असमानता की जड़ें-- सतीश सिंह
सरकार चाहती है कि देश विकास के पथ पर तेजी से अग्रसर हो, लेकिन वह बैंकों की सेहत सुधारने की दिशा में ठोस पहल नहीं कर रही है। मजबूत अर्थव्यवस्था की रीढ़ बैंकिंग क्षेत्र को माना गया है। अर्थव्यवस्था को बैंकों की मदद से ही संतुलित रखा जा सकता है। बैंकों की सकारात्मक भूमिका के बिना वित्तमंत्री देश के विकास के सपने को साकार नहीं कर सकते हैं। संपत्ति शोध कंपनी ‘न्यू...
More »सब्सिडी : कल्याण या राजनीति? मुफ्तखोरी के दुष्चक्र में फंसता देश
ज्यादातर देशों में एक ओर जहां राजनीतिक पार्टियां चुनाव जीतने के लिए मुफ्तखोरी को हथियार बनाती हैं, वहीं इसी दुनिया में स्विटजरलैंड जैसा भी एक देश है, जहां की जनता ने सरकार की इस पेशकश को ठुकरा दिया. दूसरी तरफ भारत में देखें तो राजनीतिक पार्टियां और सरकारें मतदाताओं को लुभाने के लिए मुफ्तखोरी को बढ़ावा देनेवाली नीतियों को प्रश्रय देती रहती हैं भारत जैसे कल्याणकारी राज्य में सब्सिडी एक जरूरी...
More »आधार' मतलब पारदर्शिता और निगरानी-- रामसेवक शर्मा
बात केरोसीन की हो या रसोई गैस की या फिर उर्वरक की. अमूमन जरूरतमंदों को समय पर नहीं मिलती हैं. मजबूरन बिचौलियों से तय मूल्य से ज्यादा अदा कर इसे खरीदना पड़ता है. यह भ्रष्टाचार के साथ एक तरह से देश की अर्थव्यवस्था पर डाका है, लेकिन सरकार ने 'आधार' आधारित डीबीटी अनुदानों के जरिये इस पर काफी हद तक रोक लगायी है. बिचौलियों की भूमिका समाप्त की है. रसोई गैस...
More »ताकि देश सेहतमंद रहे- डा. के के तलवार
स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए सरकार द्वारा कई स्तर पर सुधार करने और वित्तीय सहयोग देने की जरूरत है। इस क्षेत्र की आवश्यकताओं के बारे में बता रहे हैं चिकित्सा विशेषज्ञ डॉ. के के तलवार कित्सा के क्षेत्र में भारत के पास काफी जहीन डॉक्टर हैं। आधुनिक चिकित्सा सुविधाओं से लैस अनेक अस्पतालों ने भारत को मेडिकल टूरिज्म का एक आकर्षक केंद्र बनाया है, क्योंकि यहां दुनिया भर के...
More »