पोषक-तत्वों से भरपूर और वर्षा-सिंचित इलाकों में ऊपज के लिए अनुकूल रागी, ज्वार, बाजरा, सांवा, कोदो, चीना और कुटकी जैसे मोटहन के उत्पादन में भारत का स्थान दुनिया में अव्वल है लेकिन इन फसलों का उत्पादन-क्षेत्र 1961 से 2012 के बीच घटता गया है। हाल ही में जारी नेशनल अकेडमी ऑव एग्रीकल्चरल साइसेंज के नीति-पत्र रोल ऑव मिलेटस् इन न्यूट्रिशनल सिक्युरिटी ऑव इंडिया के अनुसार साल 1955-56 में मोटहन की खेती...
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छत्तीसगढ़ में हरियाणा- प्रियंका कौशल
छत्तीसगढ़ में हजारों एकड़ जमीन खरीदने वाले हरियाणा के किसान आधुनिक तकनीक से खेती के जरिए एक नई मिसाल कायम कर चुके हैं. लेकिन स्थानीय किसान और सरकार इस बदलाव में कुछ खतरनाक संकेत देख रहे हैं. प्रियंका कौशल की रिपोर्ट. सैकड़ों एकड़ में फैले फार्म हाउस और हुक्का पीते किसान. बस खेतों में काम करते आदिवासी न दिखें तो छत्तीसगढ़ के कई क्षेत्रों को देखकर एकबारगी यही लगता है कि...
More »गन्ना के साथ दलहन,आलू व धनिया की खेती
गन्ना की खेती को लाभकारी बनाने के लिए गन्ना के साथ दलहन,आलू व धनिया की खेती के लिए किसानों को अनुदान मिलेगा। अनुदान मद में 25.73 करोड़ व्यय होगा। राज्य सरकार की योजना पांच वषरें में सभी चीनी मिल परिसर में उद्योग स्थापित करने की है। इसका रोडमैप कृषि कैबिनेट के तहत तैयार किया गया है। राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत पहली बार गन्ना के...
More »प्रति व्यक्ति चावल उत्पादन 453.65 ग्राम
भुवनेश्वर। राज्य में प्रति व्यक्ति चावल उत्पादन 2008-09 में 453.65 ग्राम रहा जबकि इसी साल केंद्र में प्रति व्यक्ति उत्पादन 176.4 ग्राम से काफी अधिक रहने की सूचना कृषि मंत्री ड.दामोदर राउत ने दी है। विधानसभा में आज प्रश्नोत्तर काल के दौरान विधायक आदिकंद सेठी के मूल प्रश्न और नृसिंह साहू, अरविन्द दास, प्रफुल्ल मलिक, संजीव कुमार साहू के अतिरिक्त प्रश्न का उत्तर देते हुए मंत्री श्री राउत...
More »दाल से टूटता रोटी का नाता
नई दिल्ली [रमेश दुबे]। दलहनों की पैदावार बढ़ाने के लिए लगभग दो दर्जन योजनाओं की असफलता के बाद केंद्र सरकार ने सीधे किसानों को ज्यादा कीमत देने की रणनीति अपनाई है। इसके तहत दलहनी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में भारी बढ़ोत्तरी की गई है। जहा अरहर के समर्थन मूल्य में सात सौ रुपये की वृद्धि की गई है, वहीं मूंग में 410 रुपये तथा उड़द में 380 रुपये की...
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