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मानवीय चेहरा है बिहार पुलिस का!

पटना, जागरण संवाददाता। मनेर [पटना] के भोला राय और मसौढ़ी में सुरेश यादव की मौत-जैसे कुछ मामलों [नवंबर 2009 में मानवाधिकार आयोग ने दोनों मामले में पुलिस पर कार्रवाई की] को अपवाद मान लें तो कार्य की अधिकता और संसाधनों की अल्पता के बावजूद बिहार पुलिस का चेहरा मानवीय मूल्यों के प्रति सराहनीय है। यहां की पुलिस मानवाधिकार उल्लंघन के आरोपों से बचती रही है। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की रिपोर्ट के आधार पर नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो...

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महिलाओं पर हिंसा की घटनाओं में अभूतपूर्व बढ़ोतरी

नागरिक संगठन प्रज्ञा द्वारा जारी एक नई रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में महिलाओं पर हिंसाचार की घटनाओं में बढ़ोतरी हुई है। जेंडर वॉयलेंस इन इंडिया नामक इस रिपोर्ट में कहा गया है कि महिलाओं पर हुए हिंसाचार की कुल घटनाओं में से 13.3 फीसदी सिर्फ एक राज्य आंध्रप्रदेश से बावस्ता हैं।(देखें नीचे दी गई लिंक)। प्रज्ञा द्वारा जारी रिपोर्ट में नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरों के आंकड़ों का...

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महिलाओं पर बढता हिंसाचार-यूएन रिपोर्

यह बात जानी पहचानी है कि महिलाओं पर हिंसा के मामले में भारत का रिकार्ड खासा खराब है मगर चौंकाने वाली बात यह है कि महिलाओं के साथ हिंसाचार की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। यूनाइडेट नेशन्स डेवलपमेंट फंड फॉर विमेन(यूनिफेम) की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में साल 2007 में पिछले साल के मुकाबले में महिलाओं पर हिंसाचार की घटनाओं में 12 फीसदी की बढोतरी हुई।रिपोर्ट में इस दर्दनाक तथ्य की तरफ भी...

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किसान और आत्महत्या

खास बात • राष्ट्रीय स्तर पर हुई कुल आत्महत्याओं में किसान-आत्महत्याओं का प्रतिशत साल 1996 में 15.6% , साल 2002 में 16.3%  साल 2006 में 14.4% , साल 2009 में 13.7%  तथा साल 2010 में 11.9% तथा साल 2011 में 10.3% रहा है। # • राष्ट्रीय स्तर पर हुई कुल आत्महत्याओं में किसान-आत्महत्याओं का प्रतिशत साल 2014 में 9.4%,साल 2015 में 9.43%, साल 2016 में 8.7%, साल 2017 में 8.2%, साल 2018 में 7.69% रहा है। • 2018...

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मानवाधिकार

   खास बात  • साल 2014 में बुजुर्गों के साथ होने वाले दुर्व्यवहार की घटनाओं में तेज इजाफा हुआ। पिछले (साल के 23 प्रतिशत से बढ़कर 2014 में 50 प्रतिशत) * • भारत की आबादी का 1.14 प्रतिशत हिस्सा यानी तकरीबन 1 करोड़ 40 लाख लोग गुलामी के आधुनिक रुपों के शिकार हैं। ** • साल २००६ में भारत में १४२३ कैदियों की प्राकृतिक अथवा अप्राकृतिक कारणों से जेलों में मौत हुई।*** •  उत्तरप्रदेश में...

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