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आईएमडी की नई रिपोर्ट: 2021 में भीषण मौसम की वजह से 1,750 भारतीयों की मौत

इस साल जनवरी के महीने में दिल्ली-एनसीआर में शीतलहर जैसी स्थिति के कारण 100 से अधिक बेघर लोगों की मौत हो गई (कृपया यहां और यहां देखें). हालांकि दिल्ली स्थित एक गैर-सरकारी संगठन (एनजीओ) सेंटर फॉर होलिस्टिक डेवलपमेंट (सीएचडी) ने यह दावा किया, और इसलिए दिल्ली के मुख्यमंत्री को सर्दियों के दौरान बेघर गरीबों के लिए उचित व्यवस्था करने के लिए कहा. हालांकि, दिल्ली शहरी आश्रय सुधार के अधिकारी बोर्ड...

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स्वास्थ्य बीमा से महरुम हैं कचरा बीनने वाले, 33 प्रतिशत के पास जनधन खाते नहीं

-डाउन टू अर्थ, देश के बड़े शहरों में कचरा बीनने वालों के पास पांच फीसदी से भी कम स्वास्थ्य बीमा है, जबकि 79 प्रतिशत सफाई साथियों के जनधन खाते नहीं हैं। संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) की ओर से 25 जनवरी 2022 को कचरा बीनने वालों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति का बेसलाइन विश्लेषण जारी किया गया। यूएनडीपी की प्लास्टिक मैनेजमेंट यूनिट और पॉलिसी यूनिट ने यह रिपोर्ट तैयार की है। कचरा बीनने वालों...

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पर्यावरण को नुकसान पहुंचाए बिना फसलों में रोग नियंत्रण कर सकते हैं मिट्टी के सूक्ष्मजीव

-डाउन टू अर्थ, कृषि-तकनीक में नई खोज किसानों को फसलों पर लगने वाले रोगों को नियंत्रित करने में मदद करती है। यह तकनीक वर्तमान में उपयोग होने वाले रासायनिक उपचारों में लगने वाली लागत और पर्यावरणीय क्षति को कम करने का एक अहम तरीका है। जॉन इन्स सेंटर की टीम ने एक व्यावसायिक आलू के खेत की मिट्टी से स्यूडोमोनास बैक्टीरिया के सैकड़ों वेरिएंटों को अलग किया और उनका परीक्षण किया। फिर...

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घोर उपेक्षा: भारत की राष्ट्रीय परिवार लाभ योजना

-आइडियाज फॉर इंडिया, परिवार में कमाने वाले सदस्य की मृत्यु होने की स्थिति में परिवारों को वित्तीय सहायता प्रदान करने वाली राष्ट्रीय परिवार लाभ योजना (एनएफबीएस) कम बजट आवंटन, प्रतिबंधित कवरेज और प्रशासनिक बाधाओं से घिरी हुई है। इस लेख में, जैस्मीन नौर हाफिज इस योजना के कार्यान्वयन में आने वाली इन कठिनाइयों और अन्य मुद्दों की जांच करती हैं, और भारत के सामाजिक सुरक्षा ढांचे के इस महत्वपूर्ण घटक को सुधारने...

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भारत की प्रशासनिक सेवाओं में महिलाएं इतनी कम क्यों?

-इंडियास्पेंड, साल 1951 में पहली बार जब भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) में महिलाओं को शामिल करने का फैसला लिया गया तो एक महिला थी, लगभग सात दशक बाद 2020 में महिलाओं की संख्या कुल आईएएस अधिकारियों का सिर्फ 13% है। अशोका यूनिवर्सिटी में त्रिवेदी सेंटर फॉर पॉलिटिकल डेटा (टीसीपीडी) द्वारा संकलित भारतीय प्रशासनिक सेवा अधिकारी डेटासेट (Indian Administrative Service Officers Dataset) को लेकर किए गए विश्लेषण में इंडियास्पेंड ने पाया कि 1951...

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