SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 316

दास्तां जन औषधि केंद्र की; शुरुआत, चुनौतियां और भविष्य!

जन स्वास्थ्य' का विषय राज्य सूची के अंतर्गत आता है. लेकिन भारत में लोक कल्याणकारी सरकार की अवधारणा है. इसलिए केंद्र सरकार द्वारा भी जन स्वास्थ्य को वरीयता दी जाती है. नतीजन सन् 2008 में "जन औषधि केंद्र" को शुरू किया जाता है. जहां सस्ते दामों पर सामान्य दवाइयां मिल सकें. 7 मार्च, 2022  को जन औषधि दिवस के उपलक्ष में एक कार्यक्रम होता है. प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जन औषधि...

More »

उज्ज्वला योजना के 4.13 करोड़ लाभार्थियों ने एक बार भी सिलेंडर रिफिल नहीं कराया: केंद्र

द वायर, 02 अगस्त केंद्र सरकार ने संसद में बताया कि पिछले पांच सालों में प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के 7.67 करोड़ लाभाथिर्यों ने एक ही बार सिलेंडर भरवाया. वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान कुल 30.53 करोड घरेलू ग्राहकों में से 2.11 करोड़ ने कोई सिलेंडर रिफिल नहीं कराया जबकि 2.91 करोड़ ने केवल एक बार सिलेंडर रिफिल कराया. पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस राज्यमंत्री रामेश्वर तेली ने राज्यसभा को एक सवाल के लिखित...

More »

कैसे साफ हो गंगा : पांच साल में सिर्फ एक बार बैठी गंगा परिषद, पीएम मोदी की अध्यक्षता में हर साल होनी थी बैठक

डाउन टूअर्थ, 27 जुलाई  गंगा में 60 फीसदी सीवेज की निकासी जारी है वह भी तब जब राष्ट्रीय नदी के बिगड़े रंग-रूप को बदलने के लिए 30 हजार करोड़ रुपए खर्च करने का बजट बनाया गया था। स्थिति यह है कि पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली राष्ट्रीय गंगा परिषद के गठन को करीब छह वर्ष बीतने वाले हैं और अभी तक सिर्फ एक बार ही बैठक की जा सकी है।...

More »

खबरदार

  खास बात • गंगोत्री ग्लेशियर सालाना ३० मीटर की गति से सिकुड़ रहा है।* • अगर समुद्रतल की ऊंचाई एक मीटर बढ़ती है तो भारत में ७० लाख लोग विस्थापित होंगे।* • पिछले बीस सालों में ग्रीनहाऊस गैसों के उत्सर्जन में सर्वाधिक बढ़ोत्तरी जिवाश्म ईंधन के दहन से हुई है।* • मानवीय क्रियाकलापों के कारण ग्लोबल ग्रीन हाऊस गैस के उत्सर्जन में लगातार बढोत्तरी हो रही है। अगर औद्योगीकरण के पहले के समय से तुलना करें तो मानवीय क्रियाकलापों...

More »

दिल्ली, उत्तर-पश्चिम के मैदानी इलाके पिछली गर्मियों के मुकाबले इस बार अधिक प्रदूषित रहे: अध्ययन

कार्बनकॉपी, 11 जुलाई  नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम (एनसीएपी) ट्रेकर का विश्लेषण बताता है कि दिल्ली में इस साल पीएम 10, पीएम 2.5 और नाइट्रोजन डाइऑक्साइड (NO2) प्रदूषण  पिछले साल के मुकाबले बहुत खराब रहा। मार्च से जून तक पीएम 10 और पीएम 2.5 सुरक्षित सीमा से ऊपर थे और NO2 की मात्रा मार्च और अप्रैल में बढ़ी। कोयला बिजलीघरों से होने वाले प्रदूषण काफी रहा क्योंकि इस साल भीषण गर्मी के...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close