पिछले दिनों न्यूयॉर्क टाइम्स में (अमर उजाला में भी, 24 जुलाई) प्रकाशित अपने लेख में सरकार के आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यन और अर्थशास्त्री सिद्धार्थ जॉर्ज ने नकद हस्तांतरण को लेकर कुछ ज्यादा ही सरल और आशावादी विश्लेषण पेश किया। मगर नकद हस्तांतरण की मौजूदा व्यवस्था में इतनी त्रुटियां है, जिन्हें दूर किए बगैर खाद्य हस्तांतरण को नकद व्यवस्था में बदलने का सपना देखना बड़ी भूल होगी। जबकि 'जेएएम' (जैम-जनधन, आधार,...
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अंत्योदय योजना खतरे में - ज्यां द्रेज
गरीब-विरोधी होने की धारणा से भले ही मोदी सरकार लड़ने का दावा कर रही हो, मगर अंत्योदय अन्य योजना को लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली से चरणबद्ध तरीके से बाहर निकालने का फैसला कर उसने गरीबों को एक बड़ा झटका दिया है। यह कदम अन्यायपूर्ण और अवैध है। अंत्योदय योजना के तहत गांवों के अत्यधिक गरीब परिवारों को 35 किलो खाद्यान्न नाममात्र की कीमतों (चावल तीन रुपये प्रति किलो और गेहूं दो...
More »राजस्थान में बहू से प्रताड़ित हैं एक तिहाई बुजुर्ग महिलाएं
जयपुर। अमूमन सुना जाता है कि सास, बहू पर अत्याचार करती है, लेकिन राजस्थान में कहानी दूसरी है। यहां के 33 जिलों में हुए एक सर्वे के अनुसार करीब एक तिहाई बुजुर्ग महिलाएं अपनी बहु से प्रताड़ित हैं। इस विषय पर संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) से जुडे एक एनजीओ एजवेल रिसर्च एंड एडवोकेसी सेंटर की ओर से सर्वे किया गया। यह सर्वे बुजुर्ग महिलाओं की सामाजिक स्थिति, स्वास्थ्य, वित्तीय स्थिति...
More »मोदी सरकार के 1 साल( विशेष आलेख, आलेख प्रभात खबर)
पिछले आम चुनाव के दौरान नरेंद्र मोदी का एक प्रमुख नारा था- ‘सबका साथ-सबका विकास'. अपने इस वादे पर अमल करते हुए सरकार ने पिछले एक साल में आम आदमी की समृद्धि और उन्हें आर्थिक सुरक्षा मुहैया कराने के उद्देश्य से कई नयी योजनाएं शुरू कीं. कुछ पिछली योजनाओं में भी तब्दीली करते हुए उन्हें नये नाम और प्रारूप में शुरू किया गया. जन-धन, बीमा और पेंशन आदि से जुड़ी...
More »आज से बदलेगा बहुत कुछ : जेब पर पड़ेगा सीधा असर
नयी दिल्ली : नया वित्त वर्ष (2015-16) बुधवार से शुरू हो रहा है. रेल व आम बजट में घोषित नये नियम एक अप्रैल से लागू हो रहे हैं. इनमें से कुछ बदलाव आपके लिए राहत भी लेकर आ रहे हैं, लेकिन कई मामलों में आपकी जेब भी खूब ढीली होगी. आपके अप्रेजल के अलावा आपकी जिंदगी में एक अप्रैल से क्या बदलने वाला है, फिर भी जिंदगी तो चलती ही रहेगी. आइए...
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