डाउन टू अर्थ, 5 अप्रैल जल ऊर्जा का भंडार, पोषक तथा जीवनदाता है। इसके बिना जीवन की कल्पना संभव नहीं और साथ ही पीने योग्य जल धरती पर अत्यल्प मात्रा में उपलब्ध है। ऐसे में दुनियाभर में जल बचाने की कोशिशें जारी हैं। विश्व स्तर पर जन जागरूकता अभियान जारी है। जल संरक्षण एक नागरिक के तौर पर भी हमारा दायित्व है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 51ए (7) के मुताबिक, हर व्यक्ति...
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पोषक अनाजों की खेती:- वर्तमान और भविष्य
पोषक अनाजों की अहमियत को समझते हुए भारत सरकार ने खाद्य और कृषि संगठन के सामने एक प्रस्ताव रखा था। नतीजन पूरी दुनिया, वर्ष 2023 को, अंतर्राष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष के रूप में मना रही है।भारत,दुनिया में पोषक अनाजों का सबसे बड़ा उत्पादनकर्ता है। साल 2020 में विश्व के कुल उत्पादन में भारत की हिस्सेदारी करीब 41 फीसदी के आस–पास थी। पढ़िए इस लेख में पोषक अनाजों पर विस्तार से; प्राचीन...
More »बुनियादी ढांचे के नीचे दम तोड़ती कश्मीर के करेवा की उपजाऊ जमीन
मोंगाबे हिंदी, 28 फरवरी केसर की धरती कहे जाने वाले पंपोर इलाके के बीच से एक राष्ट्रीय राजमार्ग (NH44) होकर गुजर रहा है। केसर की खेती करने वाले इश्फाक अहमद यहां खड़े होकर इस जमीन के भविष्य को लेकर अजीब सी उधेड़बुन में व्यस्त हैं। केसर की क्यारियों से निकली हरी-हरी टहनियों पर उनकी निगाहें टिकी हैं। वह उत्सव के रंगों में सरोबार उन खूबसूरत दिनों को याद करते हैं जो...
More »कृषि मिट्टी ने 30-75% निहित जैविक कार्बन पूल खो दिया है: ICAR पेपर
इंडियास्पेंड, 18 फरवरी भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) द्वारा प्रकाशित एक पेपर के अनुसार, वर्तमान तकनीकी समीक्षा के परिणामों से पता चला है कि कृषि मिट्टी ने अपने निहित मिट्टी कार्बनिक कार्बन (SOC) पूल का लगभग 30-75 प्रतिशत खो दिया है, जो कि " काफी चिंताजनक "। कृषि भूमि उपयोग प्रणालियों में, वातावरण में कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन में वृद्धि फसल भूमि की लगातार खेती, फसल अवशेषों, बायोमास जलाने, स्थानांतरित खेती, कम...
More »अध्ययन में दावा, न्यूनतम तापमान में वृद्धि से कपास और मक्का की पैदावार घटेगी
जनसत्ता, 25 जनवरी पंजाब कृषि विश्वविद्यालय (पीएयू) के कृषि अर्थशास्त्रियों और वैज्ञानिकों के एक नए अध्ययन में यह बात कही गई है। देश में कुल अनाज की 12 फीसद खेती पंजाब में होती है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आइएमडी) की मौसम पत्रिका में इस महीने की शुरुआत में प्रकाशित अध्ययन में पांच प्रमुख फसलों-धान, मक्का, कपास, गेहूं और आलू पर जलवायु परिवर्तन के असर को दिखाने के लिए 1986 से 2020 के...
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