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कई अध्ययन लेकिन एक निष्कर्ष - कोरोना लॉकडाउन ने देशव्यापी स्तर पर गरीबों को सबसे अधिक प्रभावित किया

सूखे राशन के प्रावधान के माध्यम से प्रवासी और असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने, सामुदायिक रसोई चलाने और 'वन नेशन वन राशन कार्ड' योजना के उचित कार्यान्वयन से संबंधित भारत के सर्वोच्च न्यायालय के हालिया फैसले (कृपया यहां और यहां क्लिक करें) हमारे लिए किसी भी तरह से आश्चर्यजनक नहीं है. ज्यां द्रेज और अनमोल सोमांची द्वारा कुछ अध्ययनों की हालिया समीक्षा, जो बहु-राज्य सर्वेक्षणों (या...

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चक्रवात यास से तबाह हुए पश्चिम बंगाल के किसान

-कारवां,  हर तरफ चेतावनी थी. सायरन और माइक्रोफोन बज रहे थे. सुंदरबन के बाली द्वीप के अन्य निवासियों की तरह परितोष विश्वास के पास भी अपना घर छोड़ने के अलावा कोई चारा नहीं बचा था. वह अपने परिवार के साथ पास की एक चट्टान पर बेसब्री से इंतजार कर रहे थे. "हमने पहले कभी ऐसा कुछ नहीं देखा था," उन्होंने कहा और बताया, "पानी ने एक घंटे में गांव को अपनी चपेट...

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स्वान रिपोर्ट: कोविड-19 की दूसरी लहर में भी प्रवासी मजदूर बेरोजगारी, कर्ज, भुखमरी और अनेकों अनिश्चितताओं में जीवन यापन करने के लिए मजबूर हुए!

कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के रूप में, देश के लगभग 92 प्रतिशत श्रमिक (जिनके पास सामाजिक सुरक्षा जाल तक पहुंच नहीं है) एक ऐतिहासिक और अभूतपूर्व संकट का सामना कर रहे हैं. एक साल से भी कम समय में लगातार दूसरी बार देश में लॉकडाउन हुआ है. 20 अप्रैल, 2021 को, देश भर के 10 राज्यों में आंशिक लॉकडाउन और दिल्ली में पूर्ण लॉकडाउन लगाया गया. 8 मई, 2021...

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तिहाड़ जेल से नताशा और देवांगना के उम्मीद और प्रतिरोध के खत

-कारवां, फरवरी 2020 में उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुई सांप्रदायिक हिंसा के संबंध में एक साल पहले महिला अधिकार संगठन पिंजरा तोड़ की सदस्य नताशा नरवाल और देवांगना कलिता को गिरफ्तार किया गया था. हाल ही में दोनों को दिल्ली हाई कोर्ट ने जमानत दे दी है. कलिता और नरवाल जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में क्रमशः महिला अध्ययन और ऐतिहासिक अध्ययन केंद्रों में डॉक्टरेट की छात्राएं हैं. वे 2019 के नागरिकता (संशोधन) अधिनियम...

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वेतन में कटौती, ‘फीस मिलने में मुश्किलें आ रहीं’—कोविड का लंबा खिंचना निजी स्कूलों की चिंता का सबब बना

-द प्रिंट, कोविड महामारी के कारण पिछले करीब एक साल से अधिक समय से स्कूल बंद हैं, और कक्षाएं ऑनलाइन लग रही हैं, इससे देशभर में शैक्षणिक गतिविधियों पर प्रतिकूल असर पड़ा है—और ऐसा नहीं है कि इसका खामियाजा अकेले छात्रों को भुगतना पड़ रहा है. इससे निजी स्कूल विशेष रूप से प्रभावित हुई हैं, और कई स्कूलों के लिए तो अपने कर्मचारियों के वेतन का भुगतान करना भी मुश्किल हो गया...

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