हम ही हम हैं सब जगह. हमारे बिना किसी का काम नहीं चलता. न सरकार की सत्ता चलती है और न ही कंपनियों और बैंकों का धंधा. टैक्स से रूप में मिला जनधन ही सरकार की संजीवनी है और लोगों से मिली जमा ही बैंकों का मूलाधार है. लेकिन विचित्र कालिदासी व्यवस्था है कि सभी अपने मूलाधार को ही काटने में जुटे हैं. इसे रोकने के सरंजाम जरूर हैं. लेकिन...
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मुद्रा बैंक :समग्र विकास का अंग--- अविनाश राय
हमारे देश में लाखों करोड़ों ऐसे सामान्य नागरिक हैं जो छोटे-छोटे कारोबार और उद्योग चलाते हैं परन्तु वे अक्सर औपचारिक और संगठनात्मक ऋण व्यवस्था के दायरे से बाहर ही रहते हैं, जबकि समग्र अर्थव्यवस्था में सामूहिक रूप में उनका सहयोग बहुत विशाल हो जाता है। यह मानना है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का। इस संदेश के माध्यम से उन्होंने उन छोटे-छोटे व्यवसाय, दुकान चलाने वालों और यहां तक कि रेहड़ी-पटरी...
More »छोटे कर्ज पर संकट का बड़ा साया : गुरचरन दास
हमारे देश में एक अद्भुत घटना घट रही है। तीन करोड़ गरीब महिलाओं ने छोटा-मोटा कारोबार शुरू करने के लिए थोड़ी-थोड़ी मात्रा में ऋण लिए हैं। इस राशि से वे या तो एक गाय खरीदती हैं, ताकि दूध का व्यवसाय कर सकें, या वे इस राशि का निवेश एक सिलाई मशीन में करती हैं, ताकि कपड़े बेच सकें या फिर वे एक किराना दुकान खोल लेती हैं। जो कार्य गैरसरकारी संगठनों...
More »बेहाल बुंदेले बदहाल बुंदेलखंड - 2
सही है कि पूरे बुंदेलखंड में लगभग 2 लाख 80 हजार कुओं में से अधिकतर बेकार पड़ गए हैं - या तो मरम्मत के अभाव में वे गिर गए हैं या वे सूख गए हैं- लेकिन थोड़े-से रुपए खर्च करके उन्हें फिर से उपयोग के लायक बनाया जा सकता है. मगर पंचायतों और अधिकारियों का सारा जोर नए कुएं-तालाब खुदवाने पर अधिक रहता है. एेसा इसलिए होता कि इनमें ठेकेदारों,...
More »हरियाणा के किसानों को 12.67 करोड़ का विशेष पैकेज
पानीपत। हरियाणा के बाढ़ प्रभावित किसानों को आवश्यक सहायता उपलब्ध करवाने के लिए मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने 12.67 करोड़ रुपये का विशेष पैकेज देने की घोषणा की है। इस पैकेज के तहत विभिन्न खरीफ फसलों एवं सब्जियों के बीज सब्सिडी दरों पर उपलब्ध करवाए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने बाढ़ प्रभावित किसानों को बासमती धान की विभिन्न किस्मों सीएसआर-30, हरियाणा एचबीसी-19, पीबी-1, पीआरएच-10 तथा पूसा-1121 पर 75 प्रतिशत तक सब्सिडी देने...
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