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क्या मनरेगा के लिए आंवटित अतिरिक्त 40,000 करोड़ रुपये का राहत पैकेज लॉकडाउन के दौरान वापस लौटे प्रवासी मजदूरों के लिए मददगार साबित होगा ?

साल 2020 की शुरुआत में सामाजिक कार्यकर्ताओं और संबंधित अर्थशास्त्रियों ने साल 2020-21 के लिए गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (MGNREGS) के तहत कम से कम 1 लाख करोड़ रुपये के आवंटन की मांग की. लेकिन 1 फरवरी को वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में वित्त वर्ष 2020-21 के लिए मनरेगा के तहत केवल Rs.61,500 करोड़ आवंटित किए. जोकि 2019-20 में मनरेगा पर खर्च किए गए फंड की तुलना...

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समावेशी विकास के प्रतिमान-- अनंत कुमार

भारत की अलौकिक सुंदरता इसकी संस्कृतियों, परंपराओं, लोगों, प्राकृतिक दृश्यों, भाषाओं आदि की विविधता में निहित है. इसका विशाल विस्तार भी ऐसी चुनौतियां प्रस्तुत करता है, जो केवल इस देश के लिए विशिष्ट हैं. अत: इन विविध चुनौतियों से निपटने के लिए ऐसे उपायों की जरूरत है, जो प्रत्येक स्थिति के लिए उपयुक्त हों. भारत के राष्ट्रीय विकास एजेंडा में अन्य के साथ-साथ गरीबी, सतत विकास, स्वास्थ्य, पोषण, लैंगिक...

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पर्याप्त सरकारी मदद के जरिये ही पहुंच सकती हैं सभी तक स्वास्थ्य सेवाएं

भारत के विशाल और विविध भू-भागों में रहने वाली आबादी तक समुचित स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराना एक बड़ी चुनौती रही है. इसमें बड़ी कमी सरकारों की रही है, जो अपने कुल बजट का महज एक फीसदी तक हिस्सा ही सार्वजनिक स्वास्थ्य मद में खर्च करती रही है. स्वास्थ्य क्षेत्र के समूच परिदृश्य समेत इससे संबंधित अन्य पहलुओं को इंगित कर रहा है आज का वर्षारंभ ... अनंत कुमार एसोसिएट प्रोफेसर,...

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स्वच्छ वातावरण का सपना--- विवेक कुमार बडोला

दुनिया में जैसे-जैसे पर्यावरण संकट बढ़ रहा है वैसे-वैसे पर्यावरण के प्रति गंभीर मानवीय चिंता और चिंतन का अभाव भी हो रहा है। सरकारी संस्थाएं और गैर-सरकारी संगठन आधिकारिक रूप से इस संबंध में भले समय-समय पर चिंता प्रकट कर रहे हैं, पर आम लोग अपने स्तर पर पर्यावरण सुरक्षा का उत्तरदायित्व लेने को अब भी तैयार नहीं। अभी कुछ दिन पहले न्यूजीलैंड और भारत स्थित न्यायालयों ने नदियों को जीवित...

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कैसे थमे नक्सली कहर-- प्रमोद भार्गव

छत्तीसगढ़ में माओवादी नक्सलियों ने सीआरपीएफ के जवानों पर एक बार फिर हमला किया। इसमें छब्बीस जवान शहीद हो गए। इस बार नक्सलियों ने हमले का नया तरीका अपनाया। करीब तीन सौ की संख्या में आए नक्सली काली वर्दी पहने हुए थे। उन्होंने महिलाओं और बच्चों को ढाल बना कर गोलियां दागीं। इसी साल 11 मार्च को भी सुकमा में नक्सली हमला हुआ था, जिसमें सीआरपीएफ के बारह जवान हताहत...

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