जनसत्ता 2 जुलाई, 2012: भोजन की बरबादी को सामाजिक प्रतिष्ठा माना गया है। उत्तर भारत की एक कहानी इस पाखंड को बखूबी बयान करती है। पिता ने अपने पुत्र को समझाया कि जब भी किसी और के घर आयसु (न्योता) खाने जाओ तो थोड़ा-बहुत भोजन छोड़ दिया करो। बेटे ने पूछा, पिताजी ऐसा क्यों? पिता ने समझाया कि बेटा, वह इज्जत है। आयसु खाते समय बेटे को पिता की हिदायत भूल...
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उप्र में 18 लाख टन गेंहू के भंडारण क्षमता बढ़ेगी- विजय उपाध्याय
लखनऊ . उप्र सरकार गेंहू के भंडारण के लिए क्षमता बढ़ाने में लगी है, करीब 18 लाख मीट्रिक टन क्षमता वाले गोदामों के निर्माण का कार्य निजी उद्यमियों के सहभागिता से सहयोग से जारी है। यह जानकारी बुधवार को खाद्य एवं रसद मंत्री रघुराज प्रताप सिंह राजा भैया ने कहा कि खाद्यान्न खराब होने पर संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई किए जाने के साथ नुकसान की वसूली भी करायी जाएगी। कांग्रेस...
More »सौ एकड़ नाड़ को लगी आग
जागरण संवाददाता, फिरोजपुर : जिला प्रशासन के आदेश की परवाह न कर कटाई के बाद खेत में खड़ी गेहूं की नाड़ को जलाने का सिलसिला जारी है। हालांकि डिप्टी कमिश्नर डा. एसके राजू ने नाड़ न जलाने के लिए गेहूं की कटाई से पहले ही निर्देश जारी कर दिए थे। इसके बावजूद नाड़ जलाने का सिलसिला लगातार जारी है। जिससे यह बात साफ हो गई है कि किसानों को डीसी के आदेश की...
More »कृषि उत्पादन नहीं, मूल्य बढ़ायें- भरत झुनझुनवाला
अर्थव्यवस्था में तीव्र विकास के बावजूद कृषि और किसानों की स्थिति में सुधार नहीं हो रहा है. पिछले साठ वर्षो में प्रत्येक सरकार ने कृषि में सुधार का संकल्प लिया है, किंतु स्थिति बिगड़ती गयी है, जैसा कि आत्महत्या की बढ़ती संख्या से अनुमान लगता है. मूल कारण यह है कि सरकार का ध्यान कृषि उत्पादन में वृद्धि की ओर ज्यादा रहा है, मूल्यों में वृद्धि की ओर कम. मान्यता है कि...
More »असल संत की अंत कथा- आशीष खेतान और मनोज रावत
गंगा को लेकर संतों और खनन माफिया के बीच छिड़ी लड़ाई में उत्तराखंड की भाजपा सरकार ने एक नहीं बल्कि बार-बार और खुल्लमखुल्ला खनन माफिया का साथ दिया है. स्वामी निगमानंद की मौत के पीछे का सच सामने लाती आशीष खेतान और मनोज रावत की विशेष पड़ताल बाबा रामदेव को ध्यान खींचने की कला आती थी. स्वामी निगमानंद के पास यह हुनर नहीं था. इसलिए एक ओर रामदेव विदेशों में जमा...
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