बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से बात करना आसान नहीं. उन्हें केंद्र और राज्य दोनों तरह की सरकारों में काम करने का खासा अनुभव है. वे हिंदीभाषी प्रदेशों के उन गिने-चुने नेताओं में से हैं जो बढ़िया वक्ता हैं. काफी पढ़े-लिखे हैं और राजनीति के उथल-पुथल वाले 70 और 80 के दशक में उन्होंने आजादी के बाद के, कांग्रेस से अलग धारा में काम करने वाले कई प्रमुख नेताओं के...
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कर्नाटक- आर्थिक वृद्धि के बीच कुपोषण से मरते बच्चे
कर्नाटक को भारत के आईटी सेक्टर में सफलता का सबसे ऊंचा झंडा गाड़ने वाला राज्य माना जाता है और विदे्शी निवेश के लिहाज से भी यह सबसे चहते राज्यों में शुमार है। कर्नाटक प्रति व्यक्ति आय के लिहाज देश के शीर्ष राज्यों में गिना जाता है। लेकिन आर्थिक विकास के निर्देशांकों के हिसाब से ऊंचे पायदान पर दिखने वाले इसी राज्य कर्नाटक में हजारों बच्चे कुपोषण के कारण मौत की...
More »महाशक्ति बनने की सही राह - सीताराम येचुरी
द इकोनॉमिस्ट ने भारत पर एक कवर स्टोरी की है। इसी अंक में ‘बिजनेस इन इंडिया’ पर पूरे 34 पृष्ठ की एक विशेष रिपोर्ट है। यह रिपोर्ट भारत के संबंध में कहती है कि, ‘यह एक उभरती हुई महाशक्ति है, जिसके समाज में जोश है, जिसकी फर्मो के चेहरे पर खून की लाली है और जो विश्व मंच पर चढ़ रही हैं।’ यह वास्तव में विश्व पूंजीवाद की इस इच्छा...
More »लूट से बेपरवाह- अनुपमा
2,800 करोड़ रु इधर-उधर हो गए और 4,765 करोड़ रू का कोई हिसाब नहीं. झारखंड में कैग की हालिया रिपोर्ट यह भी बता रही है कि यह सब कैसे हुआ. इसके बावजूद सरकार और उससे भी ज्यादा विपक्ष की चुप्पी हैरान करती है. अनुपमा की रिपोर्ट चारा घोटाले के वक्त बिहार में अक्सर कहा जाता था कि नेता-अधिकारी जानवरों का चारा तक डकार गए. पिछले दिनों झारखंड विधानसभा में पेश कैग रिपोर्ट के...
More »पूंजी खेल की हकीकत- हरिवंश
चलते-चलते एक लेख में इस पुस्तक की चरचा की थी. आज के माहौल में इसे हर भारतीय को पढ़ना चाहिए. वह सच, जानने के लिए, जो लोगों से छुपाया जाता है. वह पद्धति-प्रक्रिया समझने के लिए, जिसके तहत भारत से पैसे-पूंजी बेधड़क स्विस या विदेशी बैंकों या टैक्स हेवेन (कर चोरी के लिए स्वर्ग या नितांत सुरक्षित) में जा रहे हैं. इसमें कौन लोग हैं? मीडिया का असली चेहरा भी...
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