नई दिल्ली [उमा श्रीराम]। करीब 70 वर्ष पहले चर्चित कवि सुब्रमण्यम भारती ने यह कहकर हलचल मचा दी थी कि यदि दुनिया में एक भी आदमी भूखा है तो इस विश्व को ही नष्ट कर दो। भारती जी ने तभी भारत की आजादी को देख लिया था और उन्होंने आधुनिक भारत, युवा वर्ग व महिलाओं को समर्पित करते हुए कई कविताएं रच डाली थी। पर दुर्भाग्य से वे यह कल्पना भी नहीं कर सके...
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नरेगा में जारी पैसों को राज्य सरकार भुनाने में जुटी
भोपाल। मध्यप्रदेश सरकार केंद्र के पैसे से वाहवाही लूटने में जुटी है। जी हां, शिवराज सरकार कपिलधारा योजना का पूरा पैसा नरेगा के खाते से वसूल कर रही है और उसे अपनी सरकार का अनुदान करार दे रही है। ये गड़बड़झाला केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय की पकड़ में आ गया है और अब वो इस योजना पर गाज गिराने की तैयारी में है। मध्यप्रदेश में सिंचाई के लिए चल रही कपिलधारा...
More »मनरेगा: जैसी करनी वैसी भरनी
देहरादून। मनरेगा के अंतर्गत चालू वित्तीय वर्ष के लिए केंद्र ने राज्य को दिये जाने वाले लेबर बजट में पिछले साल की अपेक्षा महज ढाई प्रतिशत की वृद्धि की है। माना जा रहा है कि ऐसा केंद्र ने योजना पर सूबे में सुचारू काम नहीं होने के कारण किया है। इस तरह के हालात में लोगों को और अधिक रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना विभाग के लिए आसान नहीं होगा। मनरेगा के अंतर्गत चालू...
More »जनता को गुमराह करना शर्मनाक है : साईनाथ
आप सोचते होंगे कि अख़बारों में सिर्फ़ एक पेज 3 होता है? लेकिन महाराष्ट्र के अख़बार ऐसा नहीं मानते। हाल के चुनाव में उनके पास कई पेज 3 थे, जिन्हें वो लगातार कई दिनों तक छापते रहे। उन्होंने सप्लिमेंट के भीतर सप्लिमेंट छापे। इस तरह मुख्य अख़बार में भी आपको पेज 3 पढ़ने को मिले। फिर उन्होंने मेन सप्लिमेंट में अलग से पेज थ्री छापा। उसके बाद एक और सप्लिमेंट जिसके ऊपर रोमन में पेज...
More »हमारा बीपीएल और उनका आईपीएल- देविंदर शर्मा
2009 में जब विश्व आर्थिक मंदी की आग में जल रहा था और इसकी तपिश भारत में भी महसूस की जा रही थी, तब भारत ने तीन किस्तों में करीब साढ़े तीन लाख करोड़ रुपये का राहत पैकेज जारी किया था. हम सरकारी अनुदान हड़पने में किसानों और गरीबी रेखा के नीचे रहने वाले लोगों को दोषी ठहराते हैं, जबकि वास्तविकता यह है कि उद्योग और व्यवसाय जगत इनसे कई...
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